बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ साथ टोल भरने के कारण अब स्कूल बसों के शुल्क में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती है। स्कूल बस ओनर्स एसोससिएशन की ओर से इस बात के संकेत दिये गए है की अगर आनेवाले दिनों में स्कूल बसों को टोल में रियायत नहीं दी गई तो बसों के शुल्क में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
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17 हजार 400 रुपये हर महीने टोल पर खर्च
फिलहाल मुंबई उपनगर में मुलुंड एलबीएस मार्ग, ऐरोली, दहिसर, और वाशी टोलनाकों पर स्कूलबसों को हर दिन लगभग तीन से चार बार टोल टैक्स भरना होता है। पहले सरकार द्वारा 60 रुपये टैक्स वसूले जाते थे, लेकिन सरकार ने तीन महीने पहले टोल टैक्स में 15 रुपये की बढो़त्तरी की है , जिसके कारण अब टोल टैक्स की कुल रकम 75 रुपये हो गई है। मौजूदा टोल टैक्स के हिसाब से हर महीने बसवालों के 17, 400 रुपये टोल टैक्स देने पड़ते है। टोल टैक्स में बढ़ोत्तरी के साथ साथ पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे है।
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हर छात्र पर पड़ सकता है 400 से 500 रुपये का अतिरिक्त बोझ
स्कूल बस ओनर्स एसोससिएशन की इस बाबत एक बैठक हुई , इस बैठक में ये बात सामने आई की टोल नाके में बढोत्तरी और पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के कारण हर साल हर एक छात्र के पीछे 400 से 500 रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा, राज्य सरकार को स्कूल बसों को टोल मुक्त करना चाहिए अन्यथा यह बढ़े हुए किराए हमे छात्रों से ही लेने होंगे।