खोए हुए मोबाइल को 12 के बच्चे ने अनोखे तरीके से ढूंढ निकाला

कोरोना के कारण ऑनलाइन शिक्षा के तहत अब ऑनलाइन क्लास ली जा रही है, इसलिए यह लड़का इंटरनेट के संपर्क में हमेशा रहता था। और इसी इंटरनेट के माध्यम से इस लड़के ने अपना खोया हुआ मोबाइल वापस पाया।

खोए हुए मोबाइल को 12 के बच्चे ने अनोखे तरीके से ढूंढ निकाला
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अगर आपका मोबाइल फोन चोरी (lost your mobile) हो जाए या खो जाए तो आप ज्यादा से ज्यादा क्या करेंगे? पुलिस में जाएंगे और चोरी की शिकायत दर्ज कराएंगे।

इतने पर भी आपको आपका मोबाइल मिल जाएगा इसकी कोई गारंटी नहीं होगी। अमूमन यही होता है कि लोग मोबाइल चोरी के बाद इसे नियति मानकर दूसरा मोबाइल खरीद लेते हैं। लेकिन इस नियति को एक 12 साल के लड़के ने चुनोती दिया और अपना चोरी हुआ मोबाइल ढूंढ निकाला। और सबसे खास बात यह है कि उसने आज तक कभी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल तक नहीं किया था। लेकिन कोरोना (Covid-19) के कारण ऑनलाइन शिक्षा के तहत अब ऑनलाइन क्लास ली जा रही है, इसलिए यह लड़का इंटरनेट के संपर्क में हमेशा रहता था। और इसी इंटरनेट के माध्यम से इस लड़के ने अपना खोया हुआ मोबाइल वापस पाया।

माहिम इलाके में रहने वाला मंसूर भी आम बच्चों की तरह इस समय ऑनलाइन क्लास अटेंड करता है। चूंकि मंसूर की मां और पिता दोनों पुलिसकर्मी हैं, इसलिए वह कम उम्र से ही इस बात को लेकर उत्सुक रहता था कि पुलिस आरोपियों को कैसे ढूंढती है?  मंसूर ने पहले कभी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं किया था। हालांकि पिछले 4 महीनों से देश में व्याप्त कोरोना संकट के कारण, उसकी सारी शिक्षा ऑनलाइन हो रही है और मंसूर हर दिन 4 से 5 घंटे इंटरनेट के संपर्क में रहता है।  इसलिए हर दिन पढ़ते समय वह इंटरनेट पर अन्य कई सारी चीजे भी सर्च करता और ज्ञान हासिल करता। इसी तरह वह मोबाइल चोरी और चोरों को कैसे पकड़ा जाए, इसकी भी जानकारी इंटरनेट से हासिल कर लिया था।

इसी कड़ी में 19 अगस्त को, जब उसका चचेरा भाई मुंबई सेंट्रल से माहिम टैक्सी सेे आ रहा था तभी वह टैक्सी में ही अपना मोबाइल भूल गया और घर आ गया। जब उसने यह बात 

मंसूर को बताई तो मंसूर ने नेट के द्वारा मोबाइल को ट्रेस करना शुरू कर दिया। उसने अपने भाई से मोबाइल का आईएमईआई नंबर मांगा और केवल 35 मिनट में ही मोबाइल का लोकेशन दिखाने लगा। मंसूर ने मालाड में रहने वाले अपने दो दोस्तो अर्चना भोसले और माधवी भोसले को सारी बात बताई और संबंधित टैक्सी ड्राइवरों को खोजने के लिए कहा।

लेकिन जब तक वे दोनों लड़कियां वहां पहुंचती टैक्सी फिर से गोरेगांव की ओर बढ़ गई थी। अब मोबाइल की लोकेशन गोरेगांव के ईस्ट के ओबेरॉय मॉल के पास बताने लगी। इसके बाद दोनों लड़कियों ने टैक्सी का पीछा किया, और उसी लोकेशन पर पहुंच गईं जहां टैक्सी खड़ी थी। लेकिन तब तक टैक्सी ड्राइवर टैक्सी पार्किंग में खड़ी कर मोबाइल लेकर जा चुका था।

उसी समय मंसूर ने ड्राइवर को डराने के लिए उसी मोबाइल पर एक संदेश भेजा।  इसमें उसने  लिखा कि, मैं एक पुलिस वाला हूं और यह मोबाइल मेरी बेटी का है। वह मोबाइल वापस कर दें, इसमें लड़की के कुछ महत्वपूर्ण नंबर निजी तस्वीरें और वीडियो हैं। अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद मंसूर ने उस मोबाइल पर फोन किया, जिसे टैक्सी ड्राइवर ने रिसीव किया।

टैक्सी वाले ने मंसूर के पिता को गोरेगांव बुलाया, इसके बाद मंसूर के पिता और दोनों लड़कियां मौके पर पहुंच गईं जिसके बाद टैक्सी ड्राइवर ने  मोबाइल उन्हें सौंप दिया। मंसूर के पिता को पता चला कि टैक्सी ड्राइवर ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था और स्मार्ट फोन भी इस्तेमाल नहीं कर सकता था। इसलिए उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई।  यह पता लगाने के बाद कि 12 साल के लड़के को कुछ ही मिनटों में खोया हुआ मोबाइल फोन मिल गया था, साइबर पुलिस ने भी मंसूर की प्रशंसा की है।

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