पुलिस ने नक्सल और आतंकवाद का गठजोड़ बताया कहा, हमारे पास 'इनके' खिलाफ पुख्ता सबूत


पुलिस ने नक्सल और आतंकवाद का गठजोड़ बताया कहा, हमारे पास 'इनके' खिलाफ पुख्ता सबूत
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कथित रूप से नक्सली लिंक को लेकर पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में जहां देश भर में आवाजें उठ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को महाराष्ट्र पुलिस ने फिर एक बार से अपनी कार्रवाई को जायज बताते हुए कहा कि उनके पास इन नक्सलियों के 'शुभचिंतकों' के खिलाफ 'निर्णायक सबूत' हैं।


'चल रही थी हथियारों की डील' 
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर महाराष्‍ट्र पुलिस के एडीशनल डायरेक्‍टर जनरल (एडीजीपी) परमवीर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन गिरफ्तार आरोपियों के लिंक नक्सलियों से हैं। एक पत्र दिखाते हुए सिंह ने कहा कि ये लोग देश में कानून व्यवस्था बिगाड़ कर मोदी सरकार को गिराना चाहते थे, इसके लिए हथियारों को खरदीने के लिए कुल 15 लाख रूपये की डील चल रही थी।

पत्र में गोली और ग्रेनेड का भी उल्लेख 
परमवीर सिंह ने आगे कहा कि यह पत्र रोना विल्‍सन ने कॉमरेड प्रकाश को लिखा था। उन्होंने कहा कि रोना विल्सन ने 4 लाख राउंड गोलियां, ग्रेनेड और 8 करोड़ रूपये का भी उल्लेख इस पत्र में किया था।यही नहीं रोना ने एक पत्र मिलिंद तेलतुंबडे नामके एक शख्स को भी पत्र लिख कर बीजेपी की ब्राह्मणी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दलितों के आंदोलन को फिर से खड़ा करने की बात कही है। साथ ही पुलिस ने सुधा भरद्वाज के भी एक पत्र का उल्लेख किया।

पर्याप्त सबूत का दावा 
जानकारी देते हुए परमवीर सिंह ने आगे कहा कि नक्सली अपने संदेश कार्यकर्ताओं को सीधा नहीं भेज कर बल्की कूरियर के माध्यम से भेजे जाते थे। अक्सर यह संदेश रोना विल्‍सल और गाडलिन के जरिए ही भेजा जाता था। उन्होने आगे कहा कि देश भर में हमने 9 जगहों पर छापे मारे हैं, हमने हर छापे की वीडियो रिकॉर्डिंग की है, हमें सबूत के रूप में ऐसे कई ईमेल, पत्र और किताबें मिली हैं जिनसे स्पष्ट होता है कि इनके नक्सलियों से भी संबंध हैं। सिंह के मुताबिक इस साक्ष्य के द्वारा यह स्‍पष्‍ट हुआ है कि जिन सात आरोपियों के नाम बाद में जोड़े गए, वे पूरे सबूतों के आधार पर जोड़े गए।
 

पढ़ें: 'मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों का हनन'


नक्सल और आतंकवाद का गठजोड़ 
एडीजीपी परमवीर सिंह ने बताया कि जांच में पता चला है कि माओवादी संगठनों की ओर से एक बड़ी साजिश चल रही थी.। ये अपने काम में एक आतंकी संगठन की भी मदद ले रहे थे। उन्होंने कहा जब हम नक्सली कनेक्शन को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हो गए, तभी हमने अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई की।  
 
 करेंगे पूछताछ 
 सिंह ने कहा कि इन पांचों लोगों से पूछताछ करने के लिए हमे उनको हिरासत में लेना होगा, लेकिन अभी फ़िलहाल उन्हें कोर्ट के आदेश के बाद हाउस अरेस्ट किया गया है। आपको बता दें कि कथितरूप से नक्सली लिंक को लेकर पुणे पुलिस ने सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फेरेरा, वरनन गोनसाल्‍वेस और पी वरवरा राव को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। बाद में इन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 6 सितंबर तक हाउस अरेस्ट में रखा गया है।  

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