प्राचीन मूर्तियों की तस्करी करने के आरोपियों पर डीआरआई ने कसा शिकंजा


प्राचीन मूर्तियों की तस्करी करने के आरोपियों पर डीआरआई ने कसा शिकंजा
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डीआरआई ने प्राचीन मूर्तियों को तस्करी करने वाले एनआरआई भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरु कर दी है। विजय नंदा और उदित जैन नाम के इन दोनों एनआरआई पर सीमा शुल्क विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देश में 13 प्राचीन मुर्तियों की तस्करी कर उन्हे अमेरिका, लंदन और हांगकांग में भेजने के बारे में डीआरआई को इसकी जानकारी मिली थी।

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डीआरआई को मिली इस जानकारी के बाद नंदा के गोरेगांव स्थित घर पर डीआरआई ने छापा मारा और 13 मुर्तियां बरामद की। इस कार्रवाई के दौरान, पुलिस ने पहली शताब्दी टेराकोटा मूर्ति, 17 वीं-18 वीं शताब्दी में महिषासुरमर्दीनी की मूर्ति, गणेश की कांस्य प्रतिमा और वरद गणेश, पद्मपाणी, अवलोकितेश्वर, उभा विष्णू, नाग-नागीन की मर्तियां बरामद की थी जिन्हे 10 वीं -11 वीं शताब्दी में दक्षिण भारत के मंदिरो से उखाड़ा गया था। 25 जुलाई की सीमा शुल्क विभाग ने डीआरआई की इस जांच को आगे बढ़ाया।

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नंदा से 16 करोड़ 18 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। अब सीमा शुल्क विभाग इनपर कानूनी कार्रवाई करने जा रही है। इस मामले में गिरफ्तार किये गए दूसरे आरोपी जैन ने साल 2015 से नंदा के लिए काम ककरना शुरु किया था। मामले की जांच से पता चला है की जैन ने नंदा के लिए कांस्यमूर्ती, गुप्तकालीन सात सुनहरे बालियां जैसे प्राचीन वस्तुओं की तस्करी हांगकांग में की है।

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