आईपीएस ऑफिसर और मुंबई पुलिस के पूर्व ज्वॉईंट कमिश्नर हिमांशु रॉय ने आत्महत्या कर ली। हिमांशु रॉय ने अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद पर गोली चलाकर आत्महत्या कर ली। हिमांशु रॉय 1998 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे। वो अतिरिक्त पुलिस महासंचालक के पद पर भी कार्यरत थे। 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन्हें विंदू दारा सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही हिमांशु रॉय ने दाऊद के भाई इकबाल कास्कर के चालक आरिफ की गोलीबारी, पत्रकार जेड किलिंग केस, विजय पलंडे, लैला खान डबल मर्डर केस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
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पिछले कुछ सालों से, वह कैंसर से पीड़ित थे। प्राथमिक अनुमान यह है कि उन्होने इस बीमारी के कारण आत्महत्या की। रॉय ने मुंबई की पहली साइबर क्राइम सेल की स्थापना की थी। हिमांशु रॉय एटीएस के पूर्व प्रमुख भी थे। उन्होने अपने निवास स्थान पर खुद को गोली मारी। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय 2016 से अपने ऑफिस नहीं जा रहे थे, अपनी बीमारी के चलते वह काफी डिप्रेशन में थे।
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हिमांशु राय नाशिक और अहमदनगर के एसपी के तौर पर काम कर चुके हैं. इसके बाद वह नासिक में डीसीपी ट्रैफिक, डीसीपी जोन 1 और पुलिस कमिश्नर के तौर पर पदस्थ रहे. वह 2009 में मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किये गए। इसके बाद उनकी पोस्टिंग साइबर क्राइम सेल में हुई। फिर वह महाराष्ट्र पुलिस की ATS के सदस्य बने, इसके बाद उनकी पोस्टिंग महाराष्ट्र पुलिस के एडिशनल डायरेक्टर जनरल के तौर पर हुई।