Mumbai Live Exclusive: तो पिछले साल ही दाउद का राजदार दानिश भारत के हत्थे चढ़ गया था

बताया जाता है कि दानिश का घर दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में है। उसके पिता जामा मस्जिद के साफ़ सफाई का काम करते हैं। दानिश ने कम उम्र में पढ़ाई लिखाई छोड़ दी और साल 2001 में नौकरी करने दुबई चला गया। वहीँ पर उसकी पहचान सोहेल कासकर से हुई, दोनों 3 साल तक एक दुसरे के साथ संपर्क में रहे।

Mumbai Live Exclusive: तो पिछले साल ही दाउद का राजदार दानिश भारत के हत्थे चढ़ गया था
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अभी हाल ही में हथियार तस्करी मामले में अमेरिका ने दाउद इब्राहीम के भतीजे सोहेल कासकर सहित दानिश अली और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया था। बताया जाता इनमें से दानिश की कस्टडी बहुत पहले ही भारत को मिल गयी थी लेकिन सुरक्षा कारणों के कारण इस बात को जांच एजेंसियों ने छुपा कर रखा। और अब जल्द ही सोहेल कासकर की भी कस्टडी भारत को मिल सकती है।

बताया जाता है कि दानिश का घर दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में है। उसके पिता जामा मस्जिद के साफ़ सफाई का काम करते हैं। दानिश ने कम उम्र में पढ़ाई लिखाई छोड़ दी और साल 2001 में नौकरी करने दुबई चला गया। वहीँ पर उसकी पहचान सोहेल कासकर से हुई, दोनों 3 साल तक एक दुसरे के साथ संपर्क में रहे।

इस दौरान सोहेल कासकर रूस में हीरा तस्करी का कम शुरू करने की योजना बनाई। लेकिन कोई आईडिया नहीं होने के कारण सोहेल ने दानिश को स्टूडेंट वीजा पर रूस भेज दिया। दानिश वहां पढ़ाई के साथ-साथ रशिया में डायमंड तस्करी शुरू करने की जानकारी भी जुटाने लगा। यही नहीं वह छुपे तौर पर अपना काम भी शुरू कर दिया।

इसी दौरान साउथ अफ्रीका में डायमंड तस्करी करते हुए कासकर गिरफ्तार हो गया. कासकर किसी तरह बाहर आया लेकिन साउथ अफ्रीका के भ्रष्ट तंत्र का फायदा उठाते हुए उसने डायमंड तस्करी छोड़ कर दानिश के साथ हथियारों की तस्करी करने लगा। इसी हथियार तस्करी के बाद कासकर और दानिश अमेरिकी जांच एजंसियों की रडार पर आ गये, लेकिन उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था।

इसके बाद अमेरिकी एजेंसियों ने जाल बुना, जिसके तहत एजंसी के ही एक आदमी ने दोनों से संपर्क कर हथियार खरीदने की बात की। यही नहीं बात करते समय इन दोनों का उस आदमी ने स्टिंग भी कर लिया।इन दोनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने साल 2014 में सोहेल, दानिश सहित हामिद ख्रिस्ती उर्फ़ बेनी और वाहब ख्रिस्ती उर्फ़ एंजल को स्पेन से गिरफ्तार किया। इन पर मुकदमा चला और इन्हें 12 सितंबर 2015 को ढाई साल की सजा सुनाई गयी।

अमेरिका को हामिद और वाहब के पास से पाकिस्तान का पासपोर्ट मिला था। इन दोनों की कस्टडी के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मांग की, जबकि सोहेल और दानिश की कस्टडी की मांग भारत ने की। भारत की मांग को मानते हुए अमेरिका ने 15 नवंबर 2018 के दिन दानिश को भारत के हाथों सौंप दिया।

सूत्रों के मुताबिक दानिश को भारत में चलने वाली डी कंपनी की कई जानकारी है। इसीलिए दानिश की जान को खतरा होने की संभावना के चलते यह बात काफी गुप्त रखी गयी। एक सूत्र ने बताया कि दानिश की कस्टडी मिल गयी है और जल्द ही सोहेल कासकर की कस्टडी के लिए भी भारत प्रयासरत है।. हालांकि भारत में सोहेल के खिलाफ एक भी मामले दर्ज नहीं है लेकिन कासकर के जरिये दाउद के कई राज सुरक्षा एजेंसियों को पता चल सकती है। 

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