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बारहवी के दृष्टीहीन बच्चों ने की दूरदृष्टी!


बारहवी के दृष्टीहीन बच्चों ने की दूरदृष्टी!
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ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है ' ये मुहावरा आपने तो कई फिल्मों में सुना होगा, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही इस मुहावरे को सार्थक कर पाते है। मुंबई की तीन छात्राओं ने भी कड़ी मेहनत से इस मुहावरे को सही साबित किया है। हालही में महाराष्ट्र में 12वीं कक्षा के नतीजों का एलान किया गया। इन परीक्षा में सुक्रता, धनश्री, और ललिता इन तीन नेत्रहिन छात्राओ ने ना ही सिर्फ अच्छे अंक हासिल किये बल्की लोगों के लिए एक प्रेरणा भी बनी है।


सुक्रुता सुरेश लोटलीकर सेंट जेवियर्स कॉलेज में आर्टस से पढ़ाई कर रही थी, इसी साल उन्होने 12वीं की कक्षा की परीक्षा दी। आपको बता दे की सुक्रुता नेत्रहीन है , यानी की दिव्यांग, बावजूद इसके उन्होने पढ़ाई से कभी अपना पीछा नहीं छुड़ाया। बारहवी की परीक्षा में सुक्रुता को 82 प्रतिशत अंक मिले। सुक्रुता की पढ़ाई में कॉलेज ने भी उनकी मदद की, कॉलेज की ओर से सुक्रुता को मॅग्नीफाय ग्लास भी दिया गया। सुक्रुता का सपना है की वो आगे जाकर I.A.S बने और अपने देश की सेवा करे। सुक्रुता ने अपने पास होने का पूरा श्रेय अपने पिता को दिया है।

                                                                     (  सुक्रुता सुरेश लोटलीकर)

सुक्रुता की तरह ही ललिता पवार ने भी बारहवी की परीक्षा कॉमर्स सेक्सन से दी। ललिता को परीक्षा में 70 फिसदी अंक मिले। जहां आज की युवा पीढ़ी के ज्यादातार नौजवान इंटरनेट का गलत इस्तेमाल कर इसके शिकार हो रहे है तो वही ललिता ने उसी इंटरनेट का इस्तेमाल कर अपनी पढ़ाई की। ललिता युट्यूब, रिकॉर्ड और ब्रेल नोट्स के जरिए पढ़ाई करती थी। ललिता पवार लो विजन की पीड़िता है, परीक्षा के दौरान उसका ऑपरेशन भी किया गया जिससे उसे कुछ देर के लिए परेशानी भी हुई बावजूद इसके ललिता ने पढ़ाई को ही अपना सबकुछ समझा । ललिता अपने गांव में बारहवी पास करनेवाली पहली लड़की है।

                                                                                             ( ललिता पवार)

धनश्री गावंडे विल्सन कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई कर रही थी। परीक्षा में उसे 73 फिसदी अंक मिले। धनश्री ने अपने दोस्तो से नोट्स मांगकर, ब्रेन लीपी में अपनी पढ़ाई की । धनश्री के भाई ने भी पढ़ाई में उसकी काफी मदद की। धनश्री को आगे पढ़कर पत्रकार बनना है। धनश्री 12वीं के बाद बी.ए इन सोशोलॉजी में प्रेवश लेने पर विचार कर रही है।

                                                                                    (धनश्री गावंडे)

इन तीनों छात्रों ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की माता पिता के साथ साथ शिक्षक और दोस्तों की मदद से उन्होने इस परीक्षा में इतने नंबर हासिल किये है।

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