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नेत्रहीन कलाकारों ने खेला ‘अपूर्व मेघदूत’ नाटक


नेत्रहीन कलाकारों ने खेला ‘अपूर्व मेघदूत’ नाटक
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विलेपार्ले – महाकवि कालिदास के रचनाओं पर नाटक खेल गया और यह नाटक खेला नेत्रहीन कलाकरों ने। यह नाटक विलेपार्ले के दीनानाथ नाट्यगृह में खेला गया। रंगमंच के इतिहास में यह पहली बार है कि जब 19 प्रतिभाशाली नेत्रहीनों कलाकारों ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ महाकवि कालिदास की रचना मेघदूत के दुसरे अंक अपूर्व मेघदूत पर नाटक खेला है। इस नाटक के टिकट की दर 200 सौ रूपये से लेकर 500 रूपये तक रखी गयी थी। नाटक का निर्माण रश्मि पांढरे और वीणा ढोले ने किया था। नाटक देख रहे सभी दर्शकों ने नेत्रहीन कलाकारों की अभिनय प्रतिभा देख कर दांतों तले उंगली दबा ली। सावी फाउंडेशन की तरफ से कराए गये इन नाटक में जमा हुए रुपयों को नेत्रहीनों के पढ़ने लायक किताबों की खरीददारी में उपयोग में लाया जायेगा। इस मौके पर रश्मि पांढरे ने कहा कि जून महीने से हम तैयारी कर रहे थे।अंत में सब कुछ ठीक ठाक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि इस नाटक की सफलता से कलाकारों के मन में एक नया विश्वास पैदा हुआ है।

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