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नवरात्रि के लिए दिशा-निर्देश जारी,गरबा पर पाबंदी, रावण दहन को सशर्त इजाजत

सभी लोगो को कोरोना नियमों का पालन करना होगा

नवरात्रि के लिए दिशा-निर्देश जारी,गरबा पर पाबंदी, रावण दहन को सशर्त इजाजत
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कोरोना की पृष्ठभूमि  ( coronavirus) में सरकार के नियमों के तहत इस साल फिर से नवरात्रि ( navratri) मनाई जाएगी। इस साल  नवरात्रि पर्व 7 अक्टूबर से शुरू होगा। इसके लिए सरकार ने नियम जारी किए हैं। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर थम गई है, लेकिन कोरोना का खतरा अब भी बना हुआ है। इसलिए, राज्य सरकार ने नागरिकों को बड़ी संख्या में त्योहार नहीं मनाने और उचित सावधानी बरतने का निर्देश दिया है।

  • कोरोना से बनी स्थिति और सीमित मंडपों को देखते हुए नगर निगम की नीति के साथ-साथ संबंधित स्थानीय प्रशासन को मंडपों के संबंध में स्थापित किया जाना चाहिए।
  • इस वर्ष के नवरात्रि पर्व को सरल तरीके से मनाया जाना चाहिए और घरेलू और सार्वजनिक देवी-देवताओं की मूर्तियों को उसी के अनुसार सजाया जाना चाहिए।
  • सार्वजनिक मंडलियों के लिए देवी की मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट और घरेलू देवी की मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट होनी चाहिए।
  • पिछले वर्ष की तरह घर की धातु/संगमरमर पर देवी की मूर्ति के स्थान पर मूर्ति की पूजा करनी चाहिए।
  • यदि मूर्ति छायादार/पर्यावरण के अनुकूल हो तो उसे घर में ही विसर्जित कर देना चाहिए।
  • यदि विसर्जन घर में संभव न हो तो कृत्रिम विसर्जन स्थल में विसर्जन के संबंध में स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित किया जाए।
  • गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करना चाहिए।
  • इसके बजाय, स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों/शिविरों (जैसे रक्तदान) के आयोजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इससे कोरोना, मलेरिया, डेंगू आदि का उन्मूलन किया जाना चाहिए। बीमारियों और उनके निवारक उपायों के साथ-साथ स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।
  • देवी के दर्शन की सुविधा के लिए ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, वेबसाइट की व्यवस्था की जाए।
  • आरती, भजन, कीर्तन या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान भीड़ नहीं होगी।
  • ध्वनि प्रदूषण के संबंध में नियमों और विनियमों का पालन किया जाना चाहिए।
  • मंडप में एक बार में 5 से अधिक कार्यकर्ता मौजूद नहीं होने चाहिए।
  • मंडप में खाना-पीना देना सख्त मना है।
  • देवी का आगमन और विसर्जन जुलूस नहीं निकालना चाहिए।
  • विसर्जन की पारंपरिक विधि में विसर्जन के स्थान पर की जाने वाली आरती घर पर ही करनी चाहिए और विसर्जन के स्थान को कम से कम समय के लिए रोक देना चाहिए।
  • बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा कारणों से विसर्जन स्थल पर जाने से बचना चाहिए।
  • घर की सभी देवियों की मूर्तियों के विसर्जन का जुलूस पूरी चाली/भवन में एक साथ नहीं निकालना चाहिए।

दशहरे के दिन किए गए रावण दहन का कार्यक्रम सभी नियमों का पालन करते हुए करना चाहिए। रावण दहन के लिए कम से कम जितने लोग आवश्यक होंगे, आयोजन में उपस्थित रहेंगे। दर्शकों को नहीं बुलाया जाना चाहिए। उन्हें फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव देखने की व्यवस्था की जाए।

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