कोर्ट के आदेश के बाद अब गोविंदा पथकों को बीमा कराना अनिवार्य है। अगर गोविंद पथकों का बीमा नहीं होता गई तो उन्हें दहीहंडी खेलने के लिए मंजूरी नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि इन गोविंदाओं में युवकों सहित छोटे बच्चे भी शामिल होते थे इसीलिए कोर्ट ने अब 14 साल से कम उम्र के बच्चों को दहीहंडी खेलने पर रोक लगा दी। साथ ही कई गोविंदा घायल हो जाते थे और जीवन भर के लिए विकलांग हो जाते थे इसीलिए गोविंदाओं का 10 लाख रूपये बीमा हाईकोर्ट ने अनिवार्य कर दिया है।
'बीमा कराना बाकी है'
दहिहंडी समन्वय समिती के सचिव सुरेंद्र पांचाल ने जानकारी देते हुए बताया कि बीमा कंपनी ओरियंटल इन्सुरेंश कंपनी द्वारा इन गोविंदाओं का बीमा किया जा रहा है। मुंबई सहित राज्य भर में लगभग डेढ़ हजार से अधिक गोविंदा पथक हैं जिनमें से 950 तो मुंबई में ही हैं। इन 950 गोविंदा पथकों में से मात्र 400 पथकों ने ही बीमा कराया है अभी अन्य लोगों का कराना बाकी है।
कोर्ट का भी रुख सख्त
इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि ऐसे किसी भी पथक को दहीहंडी खेलने की एनओसी नहीं दी जाए जिन्होंने बीमा नहीं करवाया हो।
गोविंदाओं के द्वारा बिमा कराने की अंतिम तारीख 31 अगस्त है। अभी भी कई गोविंदाओं का बीमा कराना बाकी है इसीलिए दहीहंडी समन्वय समिति की तरफ से Oriental Insurance कंपनी शनिवार और रविवार को भी बीमा करने का काम करेगी। इसीलिए छोटे बड़े सभी गोविंदा पथक जल्द से जल्द अपना बीमा करा लें।
सुरेंद्र पांचाल, सचिव, दहीहंडी समन्वय समिती