कोरोना वायरस (Corona virus) ने मार्च में मुंबई (Mumbai) में दस्तक दी। उसके बाद, मुंबई में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर धीरे-धीरे कोरोना का प्रचलन बढ़ गया। हर दिन कोरोना से संक्रमित रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई थी। इसलिए, नगर निगम ने इसे नियंत्रित करने के लिए 'चेस द वायरस' नामक एक अभियान शुरू किया। ऑपरेशन शुरू में झुग्गियों में किया गया था, जहां उच्च जोखिम वाले संपर्कों का पता चला था। तदनुसार, नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अब इमारतों में उच्च जोखिम वाले संपर्कों की तलाश करें।
ऑडियो मीडियम के जरिये बैठक
सोमवार को नगर आयुक्त ने ऑडियो-विजुअल माध्यम से सभी विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें मुंबई में कोरोना रुग्णता की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई। मुंबई में उच्च जोखिम वाले संपर्कों की खोज में कमी पर कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की। वर्तमान में जो मरीज मुंबई में पाए जाते हैं वे उच्च श्रेणी के समाजों, इमारतों में पाए जाते हैं।
शुरुआती दौर में, जब मुंबई में झुग्गियों में मरीज़ पाए जाते थे, तो बड़ी संख्या में उच्च जोखिम वाले संपर्कों का पता चलता था। इसलिए संक्रमण वहां मौजूद था। आयुक्त ने निर्देश दिया है कि अब भवनों में भी इसी तरह का अभियान चलाया जाए। जैसा कि एक झुग्गी में, एक मरीज के पीछे 15 संपर्क रखे गए थे। इसके अलावा, मानक को भवन में एक रोगी के पीछे रखा गया है।
यहां तक कि अगर किसी इमारत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति एक रोगी के रूप में पाया जाता है, तो उसके साथ निकट संपर्क पाने में संकोच न करें। व्यक्ति को निर्देश दिया गया है कि वह पिछले सात या आठ दिनों में कहां गया था और वह किसके संपर्क में आया था, इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेगा।
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