Advertisement

मुंबई की काली सच्चाई- गोवंडी में 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषित


मुंबई की काली सच्चाई- गोवंडी में 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषित
SHARES

मुंबई में हर कोई अपने सपने को साकार करने के पिछें भागता रहता है। फिल्मों की रंगीन दुनियां से लेकर बड़ी बड़ी बिजनेस बिल्डिंग तक, इस शहर में हर एक वो चीज उपलब्ध है जो देश के किसी अन्य शहर के लिए एक सपना सा ही है। लेकिन इसी चमकती दमकती मुंबई की एक सच्चाई यह भी है की गोवंडी इलाके के 50 फिसदी बच्चे कुपोषित है। एक संस्था ने इस आकड़े को जाहीर किया है।

हम अखबारों में पढ़ते आते है की नाशिक या पालघर जैसे इलाको में ही कुपोषित बच्चों की तादाद ज्यादा है, लेकिन असलीयत में मुंबई भी इस मामले में पीछें नही है, एम वॉर्ड यानी की गोवंडी में आधे से ज्यादा बच्चे कुपोषित है।

अपनालय नाम की संस्था के अनुसार गोवंडी में हर चार में से दो बच्चे कुपोषित है। 35 फिसदी बच्चों का वजह सामान्य से कही कम है। तो वही 35 फिसदी से भी ज्यादा परीवारो की मासिक आय 4 से 6 हजार के बीच है। गोवंडी डंपिंग ग्राउंड के पास रहनेवाले तीन हजार छोटे बच्चों पर किये गए सर्वे के बाद ये जानकारी अपनायल ने दी है।

गोवंडी के रफी नगर, सैनीगर, निरंकारी नगर, बूदनगर, शांतिनगर, इंदिरानगर और आदर्शनगर में इस सर्वे का आयोजन किया गया था। इन 7 झूग्गी इलाको में रहनेवाले लोग गोवंडी डंपिंग ग्राउंड के पास रहते है। इतना ही नहीं अपनालय के रिपोर्ट के मुताबिक बीएमसी स्कूलों में पढ़नेवाले 50 फिसदी बच्चे कुपोषित है।


कुपोषण के तीन प्रकार

वेस्टिंग - बच्चे का वजन उस ऊंचाई की तुलना में 18 प्रतिशत कम हो
स्टंटिंग - उम्र की तुलना में, बच्चे की ऊंचाई से उसका वजन 53 प्रतिशत से कम है
अंडरवेट- जन्म के समय बच्चे का वजन 44 फिसदी से भी कम हो।

5 वर्ष से कम आयु के 45 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु अपर्याप्त पोषण के कारण होती है । यदि कुपोषित बच्चों को कम से कम दो साल के लिए उचित भोजन दिया जाए तो उनकी स्थिती में सुधार हो सकता है।

अपललाय परियोजना के निदेशक निनाद सालुंखे का कहना है की हर महीने एक स्वास्थ्य कर्मचारी एम-वार्ड क्षेत्र में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के लिए जाता है। यह सर्वेक्षण पिछले महीने कुपोषण के बारे में किया गया था। इस सर्वेक्षण में 0 से 6 वर्ष के बीच की आयु में डेढ़ हजार बच्चे शामिल थे। इस स्वास्थ्य जांच में 50 प्रतिशत बच्चे कुपोषित पाए गए, जिनकी जानकारी बीएमसी को भी दे दी गई है।

इसके अलावा, कुपोषण को कम करने के लिए संगठन द्वारा इस क्षेत्र में हर साल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


डाउनलोड करें Mumbai live APP और रहें हर छोटी बड़ी खबर से अपडेट।

मुंबई से जुड़ी हर खबर की ताज़ा अपडेट पाने के लिए Mumbai live के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें।

(नीचे दिए गये कमेंट बॉक्स में जाकर स्टोरी पर अपनी प्रतिक्रिया दें)

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें