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शिशु मृत्यु दर में वृद्धि: मुंबई में साल भर में जन्म के 24 घंटे के अंदर 483 बच्चों की मौत


शिशु मृत्यु दर में वृद्धि: मुंबई में साल भर में जन्म के 24 घंटे के अंदर 483 बच्चों की मौत
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मुंबई सहित राज्यभर में शिशु मृत्यु दर बढ़ने से राज्य सरकार द्वारा जो नीतियां बनाई गयीं थी वह नाकाफी साबित हो रही हैं। पिछले साल जहां शिशु मृत्यु दर में वृद्धि हुई तो इस साल भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। नागपुर में चले रहे अधिवेशन में यह मुद्दा उठा। एक चौकाने वाले आंकड़े के मुताबिक एक साल में जन्म के 24 घंटे के अंदर 483 बच्चों की मौत हो गयी, यह आंकड़ा मुंबई के अस्पतालों का है।


मुंबई की स्थिति भी जुदा नहीं
पिछले साल मुंबई सहित राज्य भर में शिशु मृत्यु दर में वृद्धि देखने को मिली थी। आंकड़ों के मुताबिक पैदा होने के 24 घंटे के अंदर जिन शिशुओं की मौत हुई उनकी संख्या 483 है। मुंबई जैसे शहर की यह स्थिति इसीलिए चिंताजनक है क्योंकि यहां के अस्पताल उच्च स्तरीय व्यवस्था उपलब्ध कराने का दम भरते हैं।

रिपोर्ट ने खोली पोल 
नागपुर में चल रहे अधिवेशन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत ने इस विषय पर बोलते हुए यह माना कि राज्य में शिशु मृत्यु दर में वृद्धि हुई है। हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (HMIS) की तरफ से राज्यभर में शिशु मृत्यु दर से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की गयी। इस रिपोर्ट में भी 2017-18 में शिशु मृत्यु दर में वृद्धि की बात को स्पष्ट रूप से माना गया है।


आंकड़े हैं भयावह 
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 तक राज्यभर में 13541 बच्चों की मौत जन्म के 24 घंटे के अंदर हो गयी, जबकि 3778 बच्चे ऐसे थे जिनकी मौत जन्म के समय ही हो गयी। मुंबई में ऐसे बच्चों की संख्या 483 थी। रिपोर्ट में इन बच्चों की मौत का कारण वजन में कमी, समय से पहले पैदा होना, साँस लेने में कठिनाई जैसे कारण बताया गया।

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