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देश में हुई ब्रिटेन वाले कोरोना स्ट्रेन की एंट्री, सुरक्षा के उपाय बढ़ाये गए

इंग्लैंड (england) से भारत लौटे यात्रीयों में 6 लोगों में यह वायरस पाया गया।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर इन सभी यात्रियों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करा दिया है।

देश में हुई ब्रिटेन वाले कोरोना स्ट्रेन की एंट्री, सुरक्षा के उपाय बढ़ाये गए
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भारत (india) में भी कोरोना स्ट्रेन (corona strain) की एंट्री हो गई है। इससे कोरोना से लड़ रहे कोरोना वारियर्स की चिंता बढ़ गई है। दरअसल इंग्लैंड (england) से भारत लौटे यात्रीयों में 6 लोगों में यह वायरस पाया गया।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर इन सभी यात्रियों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करा दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन से करीब 33 हजार यात्री भारत लौटे हैं। इन सभी यात्रियों का RT-PCR टेस्ट किए गया। उनमें से 114 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। इन सभी के सैंपल को अडवांस जांच के लिए देश में बनी INSACOG की 10 लैब में भेजा गया। ये लैब कोलकाता, भुबनेश्वर, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरू और दिल्ली में बनी हुई हैं। 

मंत्रालय के मुताबिक, इस जांच में 114 संक्रमितों में से 6 लोगों में 'कोरोना स्ट्रेन' ( Corona Strain) होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 3 की रिपोर्ट दिल्ली के NIMHANS, 2 की बेंगलुरू के CCMB और एक की पुणे के NIV से मिली।

मंत्रालय कि ओर से बताया गया कि, जिन 6 यात्रियों में यह 'कोरोना स्ट्रेन' मिला है, उन्हें अलग-अलग राज्यों में सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया है। उन यात्रियों के निकट संपर्क में आए लोगों को तलाशकर क्वारंटीन किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके साथ यात्रा कर चुके सहयात्रियों, परिवार के लोगों और अन्य परिचितों को भी तलाशा जा रहा है। इन यात्रियों में मिले कोरोना के नए Genome की लगातार जांच चल रही है।

मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इस ब्रिटेन वाले खतरनाक कोरोना स्ट्रेन (Corona Strain) को रोकने के लिए सरकार ने कई स्तरों पर उपाय शुरू किया है। भारत सरकार की तरफ से पहले ही यानी 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक ब्रिटेन और इंडिया के बीच फ्लाइटों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही ब्रिटेन से लौटने वाले सभी यात्रियों के लिए  RT-PCR टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।

स्ट्रेन को देश में फैलने से रोकने के लिए National Task Force (NTF) ने 26 दिसंबर को बैठक की। साथ ही टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और कंटेनमेंट जोन बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया।

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