कोरोना (covid19) के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) पर जीका वायरस का खतरा मंडरा रहा है। जीका वायरस (zika virus) का पहला मामला महाराष्ट्र के पुणे (pune) में मिला है। ऐसे में प्रशासन सहित नागरिकों में चिंता का माहौल बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे जिले के पुरंदर तालुका में जीका वायरस का एक मरीज मिला है और यह महाराष्ट्र में जीका का पहला मरीज है। इसके अलावा केरल (kerala) में जीका वायरस के 14 मामलों का पता चला है। यह वायरस वास्तव में कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका इलाज क्या है? आइए सब जानते हैं विस्तार से।
जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाला वायरस है। बताया जाता है कि यह वायरस मुख्य रूप से मच्छरों से फैलता है, लेकिन यह भी देखने में आया है कि यह वायरस कुछ हद तक यौन जनित भी होता है।
यह वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित करता है, जो सबसे अधिक चिंता का विषय है। ऐसी परिस्थिति में, अविकसित मस्तिष्क वाले बच्चे के जन्म की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इस स्थिति को माइक्रोसेफली कहते हैं।
यह वायरस छोटे बच्चों के दिमाग को प्रभावित करता है। इससे गुलियन-बरे सिंड्रोम नाम सेएक दुर्लभ बीमारी भी फैलती है।
हालांकि इस बारे में राहत वाली खबर यह है कि, जीका संक्रमण से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर कम है। पांच में से एक संक्रमित व्यक्ति में जीका के लक्षण विकसित होते हैं।
फिर भी इसके लक्षण निम्न हैं...
जीका वायरस सबसे पहले युगांडा के जीका के जंगल में पाया गया था,जिसकी वजह से इसका नाम जीका पड़ा। कहा जाता है कि उस समय यह वायरस बंदरों से इंसानों में आया था। जीका वायरस पहली बार 1952 में सामने आया था।
शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत में बड़ी संख्या में नागरिक कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि 196 सकारात्मक रोगियों में से 33 ने जीका वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है।
हालांकि अभी तक इस वायरस का कोई टीका नहीं है और न ही कोई दवा उपलब्ध है। इसके रोगियों को ज्यादा से ज्यादा आराम और दवा जे साथ साथ तरल पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है।