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चुपके से सरकार ने बदला ये नियम, अब एक पेड़ कांटने पर लगाने होंगे दो पेड़


चुपके से सरकार ने बदला ये नियम, अब एक पेड़ कांटने पर लगाने होंगे दो पेड़
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पेड़ो की कटाई को रोकने के लिए शहर में कई पर्यावरण प्रेमी पहले से ही कई तरह के कदम उठा रहे है। सेव आरे, सेव ट्री जैसी संस्था पहले से ही कई तरह के जागृतिक कार्यक्रम करते आ रहे है। तो वही सरकार दूसरी तरफ इनकी लाख कोशिशों के बावजूद पेड़ो की कटाई को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।

कुछ महिनों पहले ही राज्य सरकार महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष संरक्षण और संवर्धन कानून 1975 में फेरबदल किया है। इस फेरबदल के अनुसार अब एक पेड़ को काटने के बाद अब  तीन की जगह दो ही पेड़ लगाने होंगे। राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध सेव आरे, सेव ट्री संस्था ने किया है। साथ ही इन संस्थाओं ने कहा की अगर सरकार इस फेरबदल पर फिर से विचार नहीं करती है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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साल 2013 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था की एक पेड़ कांटने के बाद दो की जगह तीन पेड़ लगाना अनिवार्य होगा। लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए धड़ल्ले से पेड़ो की कटाई की गई, जिसपर पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं ने अपना विरोध दर्ज किया था। लेकिन न्यायालय में सरकार को पेड़ कांटने की इजाजत दे दी।

सात महिने पहले किया गया बदलाव-
सेव ट्री के सदस्य जोरु बाथेना ने बताया की राज्य सरकार ने सात महिने पहले ही इस कानून में फेरबदल किया है। इस फेरबदल के बाद भी इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई है। अध्ययन के दौरान हमे इस बात का पता चला।

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वन शक्ति के संचालक स्टँलिन दयानंद का कहना है की विकास के नाम लिया गया निर्णय गलत है, विकास के नाम पर पेड़ो की कटाई की जा रही है। इस निर्णय के खिलाफ वन शक्ति जल्द ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।


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