मुंबई - बीएमसी चुनाव में भाजपा को भले ही 82 सीटें मिली हो, लेकिन तकनीकि दृष्टि से देखा जाए तो भाजपा के खाते में 81 सीटें आई हैं। इसका कारण है कि भाजपा ने मुंबई में 25 सीटें आरपीआई (आठवले गुट) को दी थी। जिसमें से छह सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों ने आरपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ा। ये छह उम्मीदवार भले आरपीआई के टिकट पर चुनाव मैदान में थे लेकिन भाजपा ने इन्हें अपनी पार्टी की सदस्यता से निलंबित नहीं किया था। प्रभाग क्रमांक 152 में भाजपा महायुती के अधिकृत उम्मीदवार सुनील बनसोडे थे। ऐसा होने के बाद भी भाजपा की अनधिकृत उम्मीदवार आशा मराठे कमल को लेकर प्रचार कर रही थी। भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशिष शेलार ने भाजपा के अनधिकृत उम्मीदवार के तौर पर आशा मराठे का प्रचार किया था। वोटिंग मशीन पर सुनिल बनसोडे की निशाणी मोमबत्ती थी, जबकि आशा मराठे की चुनाव निशानी कमल थी, जिससे मराठे यहां से चुनाव जीत गई। हकीकत में देखा जाए तो यहां पर भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी के साथ धोखा किया।