महज दो दिनों में पुलिस उपायुक्त के तबादले के फैसले को रद्द करने के फैसले के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार में एक बार फिर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। इससे भाजपा नेता नितेश राणे ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह सरकार नहीं है, यह एक सर्कस है।
रद्द किए गए पुलिस उपायुक्तों के फेरबदल के मुद्दे को संबोधित करते हुए, नितेश राणे अपने ट्विटर हैंडल से कहते हैं, शहरी विकास मंत्रालय में स्थानांतरण नहीं, लेकिन मंत्रियों की सहमति के बिना परिवर्तन ? गृह मंत्री को पता है कि डीसीपी का तबादला कब हुआ ? लेकिन कांग्रेस ने राजस्व और PWD मंत्रियों के तबादले से इंकार कर दिया ?? यह वास्तव में सरकार नहीं है! ऐसे शब्दों में, नितेश राणे ने महाविकास अगाड़ी का पैर खींचने की कोशिश की है।
नगरविकास मंत्रालयातील बदल्या नव्हे तर फेरफार (आघाडी सरकारच्या भाषेत ) मंत्र्यांच्या संमतीशिवाय??
DCP च्या बदल्या झाल्यावर गृहमंत्र्यांना कळते??मात्र कांग्रेसचे महसूल आणि PWD मंत्र्यांना बदल्या करण्यास मनाई??
हे खरच सरकार नाही CIRCUS आहे!!— nitesh rane (@NiteshNRane) July 5, 2020
पिछले कुछ दिनों में, महाराष्ट्र पुलिस बल में कई IPS और SPS अधिकारियों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। लेकिन कोरोना की वजह से ये अधिकारी अपने-अपने पदों पर काम कर रहे थे। लेकिन 2 जुलाई को, राज्य सरकार ने मुंबई में 12 अधिकारियों के लिए एक स्थानांतरण आदेश जारी किया। आदेश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त नवल बजाज ने हस्ताक्षर किए। लेकिन केवल दो दिनों में, नवल बजाज ने स्थानांतरण आदेश वापस ले लिया है। इससे न केवल पुलिस बल में बल्कि राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
पुलिस उपायुक्तों के स्थानांतरण आदेशों पर मुख्यमंत्री के साथ परस्पर सहमति थी। गृह मंत्री का कोई पता नहीं था। जब तक गृह मंत्री को इस बारे में सूचित किया जाता, तब तक आदेश जारी किया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि आदेश तुरंत वापस ले लिया गया था। हालांकी इसके बाद विपक्ष को एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधने का अवसर मिल गया है।
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