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आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए शिव सेना ने कांग्रेस वालों को पगार पर रखा है : नीलेश राणे

नीलेश राणे (nilesh rane) सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh case) सुसाइड मामले को लेकर आए दिन महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार (MVA Government) को लेकर निशाना साधते रहते हैं।

आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए शिव सेना ने कांग्रेस वालों को पगार पर रखा है : नीलेश राणे
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भाजपा नेता और पूर्व सांसद नीलेश राणे (nilesh rane) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस (sushant singh rajput suicide case) में एक बार फिर सत्ता पक्ष पर हमला किया है। उन्होंने सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि, आदित्य ठाकरे (aaditya thackeray) को बचाने के लिए। शिव सेना (shiv sena) में कांग्रेस वालों को वेतन पर रखा है।

नीलेश राणे (nilesh rane) सुशांत सिंह राजपूत (sushant singh case) सुसाइड मामले को लेकर आए दिन महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार (MVA Government) को लेकर निशाना साधते रहते हैं। अभी जब इस सुसाइड मामले में आरोपी संदीप सिंह (sandeep singh) और BJP के बीच संबंध होने का आरोप कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत (congress spoke person sachin sawant) द्वारा लगाया गया तो नीलेश राणे (nilesh rane) एक बार फिर हमलावर हो गए।

राणे ने अपने ट्विटर हैंडल से शिव सेना (shiv sena) और कांग्रेस (congress) पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि, 'शिवसेना ने एसएसआर केस में आदित्य को बचाने के लिए कुछ कांग्रेसियों को पगार पर रखा है। हर दिन कांग्रेसी संदीप सिंह और भाजपा के बीच संबंध तलाशते हैं। मीडिया वाले भी दिशा सलियन और एसएसआर के असली अपराधियों को ढूंढने के बजाय फालतू विषय में उलझ गई है। राज्य सरकार अभी भी संदिग्ध लोगों का पीछा कर रही है।'

राणे ने आगे लिखा है, 'कुछ दिनों पहले मीडिया से बात करते हुए हमने कभी सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या केस में आदित्य ठाकरे के नाम का नाम नहीं लिया। भाजपा के हर मंत्री इस मुद्दे पर बोलते हुए केवल 'युवा मंत्री' के नाम का जिक्र करते थे।

राणे ने आरोप लगाया था कि शिवसेना के कुछ नेताओं ने आदित्य का नाम लेकर खुद आदित्य को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

राणे ने तंज कसते हुए कहा, महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल में कई युवा मंत्री हैं। अमित देशमुख, अदिति तटकरे, असलम शेख भी युवा मंत्री हैं।  फिर केवल आदित्य ठाकरे ने ही स्पष्टीकरण क्यों दिया? दूसरे युवा नेताओं नेबस्पष्टीकरण क्यों नहीं दिया?

गौरतलब है कि, इस मामले में राणे परिवार (नीलेश राणे, नितेश राणे और नारायण राणे) शुरू से ही लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर रहा है।

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