Advertisement

मंत्रालय बना मयखाना, खाली शराब की कई बोतलें मिली, BJP ने जांच की मांग की

मंत्रालय में स्थापित त्रिमूर्ती के पीछे बड़ी मात्रा में शराब की खाली बोतलें फेंकी गई थीं। एक न्यूज चैनल ने जब इस खबर को दिखाया तो हंगामा मच गया।

मंत्रालय बना मयखाना, खाली शराब की कई बोतलें मिली, BJP ने जांच की मांग की
SHARES

मंत्रालय (mantralay) में शराब की फेंकी हुई खाली बोतलें मिलने के बाद BJP हमलावर हो गई है। बीजेपी विधायक और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर (pravin sarkar) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मंत्रालय में मिली शराब की बोतलों की उच्च स्तरीय जांच और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि, इतनी पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भीमंत्रालय शराब की बोतलें कहाँ से आईं? आघाड़ी सरकार वास्तव में किसके लिए काम कर रही है? 

मंत्रालय में स्थापित त्रिमूर्ती के पीछे बड़ी मात्रा में शराब की खाली बोतलें फेंकी गई थीं। एक न्यूज चैनल ने जब इस खबर को दिखाया तो हंगामा मच गया।

बिना चेक या पास के किसी को भी मंत्रालय में प्रवेश की अनुमति नहीं है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी मंत्रालय में शराब की बोतलों मिल रही है। सवाल यह उठता है कि इन बोतलों को अंदर कौन ले गया और किसने पहुंचाया? 

हंगामा होता देख सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री दत्तात्रेय भराने ने मामले की उचित जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है?

इस संबंध में प्रवीण दरेकर ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उनका कहना है कि आम जनता राज्य के कोने-कोने से अपने सवालों को लेकर मंत्रालय आती है, लेकिन टिकट लेने के लिए उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ता है। उनसे पहचान पत्र मांगा जाता है। उनकी जांच की जाती है। उनसे पूछा जाता है कि क्या काम है, किससे मिलना है? अगर उनके बैग में कोई सुई या इसी तरह की कोई वस्तु भी होती है तो उसे बाहर निकलवा दिया जाता है। यह चौंकाने वाली बात है कि मंत्रालय में एक रेस्तरां के आसपास शराब की बोतलें ऐसे समय में मिली हैं, जब आम जनता के मामले में इतनी सावधानी बरती जा रही है।

पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि, मंत्रालय में कड़ी सुरक्षा के बीच इतनी बड़ी संख्या में शराब की बोतलें मंत्रालय में कैसे पहुंचीं, कहां से लाई थीं?  इन सभी मामलों की गंभीरता से जांच करने की जरूरत है।

अत: अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में गृह, सामान्य प्रशासन एवं अन्य संबंधित विभागाध्यक्षों की समिति 15 दिन के भीतर इस गंभीर मामले की जांच कर संबंधितों की जिम्मेदारी तय कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इस पत्र में प्रवीण दरेकर ने मांग की है कि समिति की रिपोर्ट और संबंधितों के खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाए।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें