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शिवाजी के नाम पर 'शिव वड़ा पाव' शुरू करना क्या अपमान नहीं है- शिवाजी के वंशज

शिवाजी महाराज की तेरहवीं पीढ़ी से आने वाले छत्रपति उदयन राजे भोसले ने किताब भी आलोचना की है। उन्होंने किताब के लेखक को यह किताब वापस लेने के लिए कहा है।

शिवाजी के नाम पर 'शिव वड़ा पाव' शुरू करना क्या अपमान नहीं है- शिवाजी के वंशज
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बीजेपी नेता जयभगवान गोयल की किताब 'आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी' पर उठा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस किताब को लेकर एनसीपी छोड़ कर बीजेपी में आने वाले और शिवाजी महाराज की तेरहवीं पीढ़ी से आने वाले उदयन राजे भोसले ने भी आलोचना की है। उन्होंने किताब के लेखक को यह किताब  वापस लेने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने शिव सेना पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है।

क्या कहा उदयन राजे ने?

महाराष्ट्र के सतारा जिले में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज से पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना करना गलता है। लोगों को अपनी बुद्धि का सही इस्तमाल करना चाहिए था। किताब के बारे में सुनकर बहुत बुरा लगा। मुझे ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति को इस घटना से दुख पहुंचा है। शिवाजी महाराज की तुलना दुनिया में किसी से भी नहीं की जा सकती है।' 

उदयन ने आगे कहा कि, कई लोगों को जाणता राजा कहा जाने लगा है। किसी को भी उपाधि दी जाने लगी है।किसी को भी उपाधि दिए जाने का मैं विरोध करता हूं। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी प्रमुख को जाणता राजा की उपाधि दी गयी है।

पढ़ें: इसीलिए मैंने शिवाजी महाराज से की पीएम मोदी की तुलना, अपनी किताब को लेकर गोयल ने दिया स्पष्टीकरण

उदयनराजे भोंसले ने शिव सेना पर भी हमला किया और कहा कि, जब शिव सेना पार्टी गठित की गई तब उस समय शिवाजी महाराज के वंशजों को कुछ पूछा गया था क्या ? शिवसेना ने आज तक जो नाम दिए हुए हैं उसका हमने कभी विरोध नहीं किया।

उन्होने आगे कहा, शिवसेना भवन में शिवाजी महाराज के ऊपर बाला साहब की तस्वीर लगी है। इस पर उद्धव ठाकरे को जवाब देना चाहिए। शिवसेना को अपना नाम बदल करके ठाकरे सेना कर देना चाहिए। नाम बदलने के बाद राज्य के कितने लोग आपके साथ रहेंगे।  

इस पूर्व सांसद ने आगे कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम अब तक कई पार्टियों ने सिर्फ अपने मतलब के लिए किया है। शिवाजी महाराज का नाम पर 'शिव वडापाव' शुरू करना क्या उनका अपमान नहीं है?

इस प्रेस कांफ्रेंस में उदयनराजे  ने तीन फोटो पत्रकारों को दिखाते हुए सवाल पूछा। पहले फोटो में  शिवाजी महाराज के वेशभूषा में एक व्यक्ति रामराजे नाईक निंबालकर एनसीपी नेता को सलामी देते हुए नजर आ रहा है. और दूसरी फोटो में एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा शिव सेना पर शिवाजी महाराज के नाम का दुरुपयोग करने को लेकर की गई टिप्पणी पोस्ट है, जबकि तीसरी फोटो मुंबई के शिवसेना भवन का है इसमें बालासाहेब ठाकरे की फोटो ऊपर है और शिवाजी महाराज की तस्वीर नीचे है। उदयनराजे ने पूछा की क्या यह शिवाजी महाराज का अपमान नहीं है?

आव्हाड ने दी प्रतिक्रिया
उदयन राजे की इस टिप्पणी पर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, अगर किसी मात-पिता को अपने बच्चे का नाम शिवजी रखना होगा तो उसे परमिशन लेने के लिए सतारा जाना होगा क्या?

जबकि शिवसेना की तरफ से अभी तक कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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