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ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने पर भी बीजेपी को भी कोई खास नुकसान नही?

पार्टी ने एक आंतरिक सर्वेक्षण कराया

ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने पर भी बीजेपी को भी कोई खास नुकसान नही?
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भारतीय जनता पार्टी ने आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव के लिए अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है, और यह बात सामने आई है कि पार्टी ने एक आंतरिक सर्वेक्षण कराया है। पार्टी के वरिष्ठ सूत्र दावा कर रहे हैं कि भाजपा के गुप्त सर्वेक्षण से पार्टी के लिए सकारात्मक तस्वीर उभर कर आई है। सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह सर्वेक्षण खास तौर पर मुंबईकर मतदाताओं के कौशल का विश्लेषण करने के लिए किया गया था। (BJP may not suffer any major loss even if Uddhav Thackeray and Raj thackeray brothers come together)

ठाकरे बंधुओ के एक साथ आने का भी कोई खास असर नही!

सर्वेक्षण से साफ पता चलता है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे अगर एक साथ भी आ जाते हैं, तो भी भाजपा की जीत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। यह देखा गया है कि भाजपा के पारंपरिक मतदाता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भरोसा, साथ ही मुंबई में अपने कार्यकाल के दौरान भाजपा का प्रदर्शन - ये भाजपा के लिए मुख्य ताकत बन गए हैं।

सर्वेक्षण में विशेष रूप से शिवसेना (ठाकरे समूह) और मनसे के साथ आने के प्रभाव का अध्ययन किया गया। हालांकि मराठी वोटों को विभाजित होने से बचाने के लिए दोनों का एक साथ आना संभव माना जा रहा है, लेकिन निष्कर्ष यह निकला है कि इसका भाजपा पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसके चलते भाजपा की रणनीति और भी आत्मविश्वास के साथ बनाई जा रही है। भाजपा का विस्तार और संभावना

150 से ज्यादा सीटो पर लड़ने से होगा फायदा

सर्वेक्षण में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि भाजपा 150 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारती है, तो पार्टी को बहुत लाभ होगा। संकेत हैं कि भाजपा मुंबई महानगरपालिका की 227 सीटों में से 150 पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पिछले चुनाव में उपनगरों में भाजपा को अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी, तथा मराठी बहुल शहरी क्षेत्रों में भी भाजपा ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की थी।

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