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बीजेपी के लिए विपक्ष बने एकनाथ खडसे


बीजेपी के लिए विपक्ष बने एकनाथ खडसे
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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे एक के बाद एक अपने ही पार्टी के मंत्रियों की क्लास ले रहे हैं। ताजा मामला शुक्रवार का है जब खडसे ने शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े की क्लास ले ली।मुद्दा मिड-डे मील में हुए घोटाले का था। सदस्य चाहते थे कि इस घोटाले की एसआईटी बनाकर जांच कराई जाए, लेकिन  तावड़े इस मांग को टालने के मूड में थे।जांच कराने की घोषणा करने के बजाए तावड़े ने कहा कि वह गृह मंत्रालय से एसआईटी गठित करने की सिफारिश करेंगे। तावड़े के इस जवाब पर एकनाथ खडसे गुस्सा हो गये।

खड़से ने कहा कि मिड-डे मील में जो खाद्य पदार्थ मिलता है वह खाने लायक नहीं होता। उन्होंने कहा कि एक साल पहले ऐंटी करप्शन विभाग से जांच का आदेश दिया था। उसका क्या हुआ? खड़से ने एसआईटी जांच की सिफारिश पर सवाल उठाते हुए कहा किआखिर यह कैसी सरकार है, जिसमें मंत्री जांच की घोषणा नहीं सिफारिश करता है?

इस पर तावड़े ने कहा कि इस तरह की जांच का आदेश देने का अधिकार उनके विभाग का नहीं बल्कि गृह विभाग का है। इस पर खडसे ने उन्हें याद दिलाया कि मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है। इसी बीच स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दखल दिया। मामले को शांत करते हुए मुख्यमंत्री को सदन में कहना पड़ा कि सरकार इस मामले की एसआईटी जांच कराएगी। बाद में तावड़े को भी कहा कि पिछले 10 साल हुए घोटोल की जांच कराई जाएगी। बता दें कि इससे पहले खड़से ने ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और शिवसेना के मंत्री सुभाष देसाई को भी टारगेट किया था।

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