बीएमसी के किसी भी कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने से पहले बीएमसी आयुक्त की अनुमति आवश्यक है। यदि आयुक्त की अनुमति है, तो शिकायत बीएमसी के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई है। उसी तर्ज पर नगरसेवको ने मांग की है की उसकी खिलाफ भी शिकायत दर्ज करने से पहले महापौर की अनुमति जरुरी हो।
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दहिसर की आर उत्तर विभाग की सहायक आयुक्त संध्या नांदेडकर ने निर्माणकार्य को तोड़ने के मामले में शिवसेना के नगरसेविका शीतल म्हात्रे, हर्षल कारकर और बालकृष्ण ब्रिद पर पुलिस में मामला भी दर्ज कराया है। इसके कारण नगरसेविका शीतल म्हात्रे ने सहायक आयुक्त संध्या नांदेडकर को तुरंत उनके पद से हटाने की मांग की है। इसके साथ ही म्हात्रे का कहना है की बीएमसी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर उन्हे बीएमसी की ओर से कानूनी सहायता मिलती है लेकिन नगरसेवको को ऐसी कोई भी सहायता नहीं मिलती है। उनको खुद अपने खर्चे पर मामला लड़ना होता है।
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जब हम सहायक आयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज कराने गए तो हमसे कहा गया की हमे बीएमसी आयुक्त की इजाजत लेनी होगी, लेकिन नगरसेवको के उपर मामला दर्ज कराने के लिए किसी की भी इजाजत नही लेनी होती है। इसके साथ ही उन्होने यह मांग भी की बीएमसी कर्मचारियों की तरह उनपर भी शिकायत दर्ज करने के लिए महापौर की इजाजत जरुरी हो।