मुंबई- आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के लिए राजर्षी शाहू महाराज फी प्रतिपूर्ति योजना लागू करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। इस योजना का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उन लोगों को मिल सकेगा जिनकी आय सीमा 6 लाख रुपए सालाना है। सरकार ने ईसीबी सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर दी है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा आसान हो सकेगी। इसके लिए उसे 60% से उपर अंक लाना आवश्यक होगा। वहीं अल्प भूमि धारक परिवार के विद्यार्थियों के लिए पंजाबराव देशमुख के नाम पर और आदिवासी विद्यार्थियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री की पत्रकार परिषद के प्रमुख मुद्दे-
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए राजर्षी शाहू महाराज फी प्रतिपूर्ति योजना की घोषणा।
- 6 लाख सालाना आय तक के परिवार के छात्रों के लिए योजना।
- फी प्रतिपूर्ति योजना अबतक प्राइवेट महाविद्यालयों में लागू थी,अब सरकारी महाविद्यालयों में भी फी प्रतिपूर्ति योजना लागू होगी।
- इस योजना में 1 लाख 45 जगह विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होगी।
- पंजाबराव देशमुख के नाम पर शुरू योजना का लाभ अल्प भूमि धारक परिवार के छात्रों को मिलेगा। जिसमें उन्हें व्यावसायिक शिक्षा में निवास के लिए 30 हजार प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना का लाभ आदिवासी छात्रों को मिलेगा।
- 2.5 से 6 लाख तक की आय वाले विद्यार्थियों के मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक कर्ज राज्य सरकार भरेगी।