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शिव स्मारक: जब तक हम घोटाले की तह तक नहीं जाएंगे तब तक शांत नहीं बैठेंगे- NCP

नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन चालू हो गया है। पहले दिन ही एनसीपी ने पूर्व बीजेपी सरकार पर शिव स्मारक में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

शिव स्मारक: जब तक हम घोटाले की तह तक नहीं जाएंगे तब तक शांत नहीं बैठेंगे- NCP
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नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन चालू हो गया है पहले दिन ही एनसीपी ने पूर्व बीजेपी सरकार पर शिव स्मारक में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। एनसीपी विधायक और मुंबई अध्यक्ष नवाब मलिक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, शिव स्मारक में भ्रष्टाचार हुआ है इसका पर्दाफाश हमने किया है, लेकिन अब इस मुद्दे को हम सदन में उठाएंगे और जब तक हम इसकी तह तक नहीं जाएंगे तब तक शांति से नहीं बैठेंगे।  


'भ्रष्टाचार को बाहर जरूर लाएंगे'
नवाब मलिक ने कहा, अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक के लिए जगह तय की गयी थी, इसके लिए जब बीजेपी सरकार आई तक पीएम नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन भी किया था। लेकिन उसका काम अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। इसके लिए टेंडर भी निकाला गया, दोबारा टेंडर निकाल फिर से ठेका दिया गया

मलिक ने आरोप लगाया इस प्रकिया में बड़ा घोटाला हुआ हैउन्होंने दावा किया कि, इसकी सूचना एक अधिकारी ने कैग को भी दी थी। वरिष्ठ इंजीनियर आदेश देने को तैयार नहीं थे लेकिन अंत में जूनियर अधिकारियों से वर्क आर्डर पास कराया गया। मालिक ने हाथों में दस्तावेज दिखते हुए कहा, ये दस्तावेज हैं।  


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मलिक ने आगे कहा, चंद्रकांत पाटिल उस समय मंत्री थे, उन्होंने भी इस भ्रष्टाचार में अपने हाथ धोए हैं। हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में उनसे सवाल भी पूछा था लेकिन उसका जवाब उन्होंने आज तक नहीं दिया। आज वे बोल रहे हैं कि शिव स्मारक का काम रोका जा रहा है

मलिक के अनुसार, स्मारक तो बनेगा लेकिन जब तक भ्रष्टाचार की तह तक हम नहीं जाएंगे तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे और हम इस मुद्दे को सदन में जरूर उठाएंगे।


कांग्रेस ने भी लगाया आरोप
इस बारे में कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि, कांग्रेस भी चाहती है कि शवाजी महाराज का स्मारक बने, लेकिन बीजेपी सरकार ने इस काम के लिए जो टेंडर निकाला था उसमें काफी घोटाला किया है, स्मारक की ऊंचाई भी घटाई गयी है शिवाजी महाराज स्मारक के लिए बीजेपी ने जो घोटाला किया है, इसके लिए महाराष्ट्र की जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। 


बीजेपी ने दी सफाई

इस बारे में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने आरोपों का जवाब देते हुए कहा, टेंडर की कीमत 3800 करोड़ रूपये से काम करके 2500 करोड़ रुपये किया गया इस काम के लिए आज भी एक पैसे का घोटाला नहीं हुआ है और न तो कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है मैं किसी भी जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए तैयार हूँ उलटे ही इस काम के होने से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है   

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