चुनाव आयोग (election commission) द्वारा सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (eknath shinde) के खेमे द्वारा दिए गए तीन सुझावों को स्वीकार करने से इनकार करने के एक दिन बाद, एकनाथ शिंदे खेमा मंगलवार को चुनाव चिन्हों की एक नई सूची प्रस्तुत की। एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को नए चुनाव चिन्ह सौंपे हैं। चुनाव आयोग को ई-मेल के जरिए तीन विकल्प भेजे गए हैं। इसमें शंख, रिक्शा और तुरही बजाने वाले व्यक्ति का चिन्ह दिया गया है।
पहले के तीन चिन्ह को चुनाव आयोग ने किया था खारीज
शिंदे खेमे ने तीन प्रतीकों, 'त्रिशूल,' 'गदा' और 'उगते सूरज' का प्रस्ताव रखा था। जबकि पहले दो को उनके धार्मिक अर्थ के लिए आयोग द्वारा खारिज कर दिया गया था, तीसरे को खारिज कर दिया गया था क्योंकि यह तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक का प्रतीक है।
इसके बाद चुनाव आयोग ने शिंदे खेमे को मंगलवार सुबह 10 बजे तक नए चुनाव चिन्हों की सूची सौंपने को कहा था। बताया जा रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों को धार्मिक अर्थ वाले प्रतीकों के आवंटन के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है।
हालांकि, एकनाथ शिंदे गुट को चुनाव आयोग ने 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम दिया था। शिंदे के अनुसार, यह साबित करता है कि उनका गुट बाल ठाकरे की विरासत का असली उत्तराधिकारी था।चुनाव आयोग ने उद्धव गुट को 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' का नया नाम भी आवंटित किया। ठाकरे गुट को चुनाव चिन्ह के रूप में 'ज्वलंत मशाल' (मशाल) भी दिया गया है।
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