बीते लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते कांग्रेस की हालत खस्ता हो गई
थी। इसमें दक्षिण-मध्य मुंबई के पारंपरिक मतदार क्षेत्र का भी समावेश था।
2009 के चुनाव में गायकवाड़ ने शिवसेना के गढ़ को धराशायी किया था और
कांग्रेस को जीत दिलाई थी। पर बीते पांच सालों में बहुत कुछ बदल गया है। पर
अब मोदी लहर भी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। अब एकबार फिर 2019 के
चुनाव के लिए कांग्रेस की तरफ से एकनाथ गायकवाड को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वहीं शिवसेना की तरफ से सांसद राहुल शेवाले गायकवाड़ के प्रमुख
प्रतिस्पर्धी हैं।
मतदार क्षेत्र की समीक्षा अगर दो-तीन चुनाव अपवाद समझा जाए तो
दक्षिण-मध्य मुंबई का मतदार क्षेत्र कांग्रेस का ही गढ़ रहा है। इसकी मुख्य
वजह इस क्षेत्र की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रचना है। लगभग 60 से 70
फीसदी झोपड़पट्टी, मध्यमवर्गीय और कामगार लोगों का मतदार क्षेत्र है। तो
कुछ अमीर लोगों के भी निवास स्थान यहां पर हैं। ज्यादातर यह क्षेत्र
कांग्रेस के पास ही रहा है। बीते चुनाव में शिवसेना ने बाजी मार ली थी। पर
इस बार कांग्रेस और शिवसेना के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
वर्तमान सांसद राहुल शेवाले फिरसे शिवसेना के उम्मीदवार के रुप में चुनावी
मैदान में उतरने वाले हैं। बीजेपी के साथ गठबंधन होने का फायदा यहां
शिवसेना को हो सकता है। वहीं 2004 व 2009 में जीत हासिल करने वाले एकनाथ
गायकवाड का भी इस क्षेत्र में वर्चस्व है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के रुप में पहचान धारावी एकनाथ गायकवाड का गढ़ माना जाता है। वे धारावी से तीन बार
विधानसभा पहुंच चुके हैं। वहीं 2004 में शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री
मनोहर जोशी को यहां से पराजित किया था। जिसके बाद गायकवाड़ की पार्टी में
एक अलग ही जगह बनीं। 2009 में कांग्रेस ने फिरसे उनको मौका दिया और
गायकवाड़ ने शिवसेना के सुरेश गंभीर को 75 हजार वोट से हराया। जिसके बाद
गायकवाड सोनिया गांधी के चहेते नेता बन गए थे। अब कांग्रेस ने एक बार फिर
गायकवाड पर भरोसा जताया है।
विवादास्पद बयान गायकवाड़ इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के 80फीसदी
उम्मीदवारों के विरोध में हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने
गायकवाड़ की बैठक में नागरिकों को संबोधित किया। गायकवाड़ पर पैसे देकर वोट
खरीदने का आरोप लगा दिया था।
मतदार क्षेत्र की समीक्षा
अगर दो-तीन चुनाव अपवाद समझा जाए तो दक्षिण-मध्य मुंबई का मतदार क्षेत्र कांग्रेस का ही गढ़ रहा है। इसकी मुख्य वजह इस क्षेत्र की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रचना है। लगभग 60 से 70 फीसदी झोपड़पट्टी, मध्यमवर्गीय और कामगार लोगों का मतदार क्षेत्र है। तो कुछ अमीर लोगों के भी निवास स्थान यहां पर हैं। ज्यादातर यह क्षेत्र कांग्रेस के पास ही रहा है। बीते चुनाव में शिवसेना ने बाजी मार ली थी। पर इस बार कांग्रेस और शिवसेना के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। वर्तमान सांसद राहुल शेवाले फिरसे शिवसेना के उम्मीदवार के रुप में चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं। बीजेपी के साथ गठबंधन होने का फायदा यहां शिवसेना को हो सकता है। वहीं 2004 व 2009 में जीत हासिल करने वाले एकनाथ गायकवाड का भी इस क्षेत्र में वर्चस्व है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के रुप में पहचान
धारावी एकनाथ गायकवाड का गढ़ माना जाता है। वे धारावी से तीन बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। वहीं 2004 में शिवसेना के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को यहां से पराजित किया था। जिसके बाद गायकवाड़ की पार्टी में एक अलग ही जगह बनीं। 2009 में कांग्रेस ने फिरसे उनको मौका दिया और गायकवाड़ ने शिवसेना के सुरेश गंभीर को 75 हजार वोट से हराया। जिसके बाद गायकवाड सोनिया गांधी के चहेते नेता बन गए थे। अब कांग्रेस ने एक बार फिर गायकवाड पर भरोसा जताया है।
विवादास्पद बयान
गायकवाड़ इस लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के 80फीसदी उम्मीदवारों के विरोध में हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने गायकवाड़ की बैठक में नागरिकों को संबोधित किया। गायकवाड़ पर पैसे देकर वोट खरीदने का आरोप लगा दिया था।