मनोज
किशोरभाई कोटक, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगरसेवक और अब उत्तर-पूर्व
मुंबई लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार। मुलुंड वेस्ट से बीजेपी के टिकट
पर नगरसेवक बन कर बीएमसी पहुंचे और वहां अपनी काबिलियत के दम पर स्थायी
समिति के सदस्य तक का सफर हासिल किया।
नगरसेवक से सीधे लोकसभा का चुनाव तक
किस्मत का धनी अगर कोई है तो वह हैं मनोज कोटक। जी हां! परिस्थितियां ही
कुछ ऐसी बनी कि नगरसेवक से विधायक बनने का सपना देखने वाले कोटक को सीधे
लोकसभा का टिकट मिला गया। दरअसल मनोज कोटक की जगह चुनाव लड़ने वाले थे
बीजेपी के स्थानीय सांसद किरीट सोमैया, लेकिन बीजेपी की सहयोगी पार्टी
शिवसेना के विरोध के कारण किरीट सोमैया का टिकट कट गया और टिकट मिल गया
मनोज कोटक को।
बीएमसी में बीजेपी गट नेता
वर्तमान में मनोज कोटक बीएमसी में बेजीपी के गुट नेता हैं। मुलुंड
पश्चिम से नगरसेवक बन कर बीएमसी पहुंचे। कोटक इससे पहले शिक्षण समिति के
अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कोटक बीएमसी में सुधार समिति के अध्यक्ष भी थे। इस
वक्त वे स्थायी समिति में बतौर सदस्य सक्रिय हैं। साल 2014 में भांडुप
इलाके से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
फणनविस के करीबी मनोज कोटक मूल रूप से मध्य प्रदेश के नीमच के रहने
वाले हैं। मुंबई में इनका प्रभाव गुजरातियों और राजस्थानियों बहुल इलाकों
में अच्छा माना जाता है। यही नहीं किरीट सोमैया से खार खाये शिवसेना के
कार्यकर्ताओं से मनोज कोटक के अच्छे संबंध हैं। मनोज कोटक मुख्यमंत्री के
बेदह करीबी माने जाते हैं, पार्टी सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री कोटक के
लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इससे पहले मुख्मयंत्री ने कोटक को दो बार विधान
परिषद भेजने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
मात्र दसवीं पास चुनाव में दायर हलफनामे के मुताबिक कोटक अधिक पढ़े-लिखे नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र बोर्ड से साल 1988 में दसवीं पास किया है।
मनोज किशोरभाई कोटक, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगरसेवक और अब उत्तर-पूर्व मुंबई लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार। मुलुंड वेस्ट से बीजेपी के टिकट पर नगरसेवक बन कर बीएमसी पहुंचे और वहां अपनी काबिलियत के दम पर स्थायी समिति के सदस्य तक का सफर हासिल किया।
नगरसेवक से सीधे लोकसभा का चुनाव तक
किस्मत का धनी अगर कोई है तो वह हैं मनोज कोटक। जी हां! परिस्थितियां ही कुछ ऐसी बनी कि नगरसेवक से विधायक बनने का सपना देखने वाले कोटक को सीधे लोकसभा का टिकट मिला गया। दरअसल मनोज कोटक की जगह चुनाव लड़ने वाले थे बीजेपी के स्थानीय सांसद किरीट सोमैया, लेकिन बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना के विरोध के कारण किरीट सोमैया का टिकट कट गया और टिकट मिल गया मनोज कोटक को।
बीएमसी में बीजेपी गट नेता
वर्तमान में मनोज कोटक बीएमसी में बेजीपी के गुट नेता हैं। मुलुंड पश्चिम से नगरसेवक बन कर बीएमसी पहुंचे। कोटक इससे पहले शिक्षण समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कोटक बीएमसी में सुधार समिति के अध्यक्ष भी थे। इस वक्त वे स्थायी समिति में बतौर सदस्य सक्रिय हैं। साल 2014 में भांडुप इलाके से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
फणनविस के करीबी
मनोज कोटक मूल रूप से मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले हैं। मुंबई में इनका प्रभाव गुजरातियों और राजस्थानियों बहुल इलाकों में अच्छा माना जाता है। यही नहीं किरीट सोमैया से खार खाये शिवसेना के कार्यकर्ताओं से मनोज कोटक के अच्छे संबंध हैं। मनोज कोटक मुख्यमंत्री के बेदह करीबी माने जाते हैं, पार्टी सूत्र बताते है कि मुख्यमंत्री कोटक के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इससे पहले मुख्मयंत्री ने कोटक को दो बार विधान परिषद भेजने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
मात्र दसवीं पास
चुनाव में दायर हलफनामे के मुताबिक कोटक अधिक पढ़े-लिखे नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र बोर्ड से साल 1988 में दसवीं पास किया है।