कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल ने बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर मुलाकात की। दोनों ने करीब घंटे भर बात की, यह बात किन मुद्दों पर यह पता तो नहीं चल सका लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे गहमा गहमी को लेकर चर्चा की गयी होगी।
क्या हुआ बैठक में?
जैसा की आप जानते हैं कि पटेल सोनिया गांधी के करीबी नेता माने जाते हैं साथ ही कांग्रेस की हर बैठक और निर्णय में पटेल भी शरीक होते हैं, जबकि नितिन गडकरी महाराष्ट्र के और बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। तो ऐसे में पटेल और गडकरी की मुलाकात को लेकर चर्चा तो होनी ही थी। हालांकि बैठक के बाद इन नेताओं ने इतना ही कहा कि बैठक में महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर कोई चर्चा नहीं हुई।
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शिव सेना और एनसीपी आए करीब
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिव सेना के बीच जिस तरह से घमासान चल रहा है उससे एनसीपी की भूमिका किंग मेकर के रूप में भी सामने आ सकती है। यही नहीं शिव सेना के सांसद संजय राउत लगातार शरद पवार से मुलाकात कर रहे हैं, बुधवार को भी उन्होंने पवार से मुलाकात की। राउत भी लगातार बीजेपी पर यह कह कर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं कि, शिव सेना अन्य विकल्पों पर विचार सकर सकती है।
एक नया गठबंधन?
एनसीपी की भूमिका बढ़ती देख कर शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले, इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे कि शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिल कर महाराष्ट्र में एक नए गठबंधन की सरकार बना सकती है। लेकिन ये कयास उस समय फुस्स हो गए जब सोनिया ने शिवसेना को समर्थन देने से मना कर दिया।
क्या होगा आगे?
इस बीच पटेल और गडकरी की मुलाकात क्या एक नए समीकरण को जन्म दे रहे हैं। जबकि एनसीपी लगातार यह कह रही है कि जनता ने उसे विपक्ष में बैठने का आशीर्वाद दिया है। लेकिन राजनीती में कभी भी कुछ भी हो सकता है, यहां कुछ भी अपेक्षित नहीं होता। इसीलिए आने वाले समय में अभी और भी बहुत कुछ देखने को मिल सकता है।
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