राज्य में शिंदे-फडणवीस ( Ekntah Shinde Devendra Dadanvis) सरकार के मंत्रिमंडल का जहां विस्तार हो गया है, वहीं अब सत्ता संघर्ष के इस पूरे ड्रामे ने नया मोड़ ले लिया है। इस बीच नई सरकार पर लटकी तलवार थमने का नाम नहीं ले रही है, क्योंकि महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष की सुनवाई टल गई है।
22 अगस्त को होगी सुनवाई
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और ठाकरे द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं और विधायकों की अयोग्यता पर अब सीधे 22 अगस्त को सुनवाई होगी। इससे पहले यह सुनवाई 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होनी थी।
सप्ताह के दौरान त्योहारों और विभिन्न छुट्टियों के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई है। सत्ता संघर्ष की सुनवाई में देरी से शिंदे गुट और ठाकरे गुट में चिंता एक बार फिर बढ़ गया है।
शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर शिंदे और ठाकरे समूहों के बीच विवाद खड़ा हो गया। जबकि दोनों समूह शिवसेना पार्टी का दावा कर रहे थे, केंद्रीय चुनाव आयोग ने दोनों समूहों को यह तय करने के लिए नोटिस जारी किया था कि किसका दावा सही है।
नोटिस के बाद शिंदे समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शिवसेना में आंतरिक विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की थी। शिंदे समूह के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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