एकनाथ शिंदे ( eknath shinde) के साथ साथ बागी विधायको का मामला अब कोर्ट की ओर जाता दिख रहा है। शिवसेना ( shivsena ) सांसद संजय राउत (sanjay raut) ने कहा है की बागी विधायकों के बातचीत का समय अब खत्म हो गया है और अब यह लड़ाई कानूनी तौर पर लड़ी जाएगी।
योग्यता कार्रवाई के खिलाफ जाएंगे अदालत
एकनाथ शिंदे और शिवसेना से बगावत करने के बाद पार्टी छोड़ने वाले अन्य बागी विधायक अयोग्यता कार्रवाई के खिलाफ अदालत जाएंगे।लेकिन शिवसेना गुट की ओर से चर्चा थी कि उनके पास कोर्ट जाने से बचने के दो विकल्प थे।एक विकल्प है शिवसेना और दूसरा विकल्प है बच्चू कडू का प्रहार संगठन। हालांकी इन सभी के बीच अब ये खबर आ रही है की एकनाथ शिंदे के साथ साथ बागी विधायक राज ठाकरे के मनसे में विलय हो सकते है।
नई चर्चा के मुताबिक शिंदे समूह के पास मनसे का भी विकल्प है। राज ठाकरे ने शिवसेना से निकलने के बाद अपनी मनसे पार्टी बनाई। शुरुआत में मराठी मुद्दा लेकर उन्होने पार्टी को आगे बढ़ाया हालांकी अब राज ठाकरे हिंदुत्व का मुद्दा लेकर अपनी पार्टी में एक नई जान फुकने की कोशिस कर रहे है।
साथ ही शिवसेना के बागी विधायक बार-बार कह चुके हैं कि हिंदुत्व के लिए अलग हो रहे हैं, उनका हिंदुत्व बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व है। राज ठाकरे द्वारा निभाई गई हिंदुत्व की भूमिका बालासाहेब ठाकरे की शैली में है। इसी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि हिंदुत्व के मुद्दे पर शिंदे समूह का मनसे में विलय हो सकता है।
सूत्रों ने कहा कि मनसे के कुछ नेता और शिंदे गुट के कुछ प्रमुख विधायक इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। जिसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि शिंदे समूह का निकट भविष्य में मनसे में विलय हो सकता है।
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