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एनसीपी और सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुई झड़प


एनसीपी और सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हुई झड़प
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सोमवार को दक्षिण मुंबई स्थित मराठी पत्रकार संघ के बाहर एनसीपी नेता विद्या चव्हाण के नेतृत्व में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने सनातन संस्था के खिलाफ और उनके प्रवक्ता और वकील संजीव पुनालेकर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और काला झंडा दिखाया।


क्यों हुई नारेबाजी?

एनसीपी की नारेबाजी से नाराज होकर सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं ने भी मोर्चा संभाल लिया और एनसीपी और सनातन संस्था के कार्यकर्ताओं के काफी झड़प हुई। आपको बता दें कि सोमवार को सनातन संस्था की तरफ से मराठी पत्रकार संघ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें संजीव पुनालेकर को सम्मानित किया जाना था। लेकिन सनातन संस्था का यह कार्यक्रम एनसीपी के इस हंगामे की भेंट चढ़ गया।

इस कार्यक्रम में शिवसेना सांसद संजय राउत को भी बुलाया गया था। राउत के हाथों से ही पुनालेकर का सम्मान होना तय था, लेकिन तब तक राउत कार्यक्रम तक नहीं पहुंचे थे। मौके पर पुलिस पहुंच कर मामले शांत कराया।

इसीलिए एनसीपी कर रही है विरोध 

एनसीपी नेता विद्या चव्हाण ने विरोध करते हुए सवाल दागा कि डाॅ. नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश मर्डर मामले में सनातन संस्था का नाम सामने आया है। साथ ही इन मामलों में जितने ही लोगों की गिरफ्तारी की गयी है सभी सनातन संस्था की सदस्य बताए जाते हैं, तो ऐसे में सनातन संस्था के प्रवक्ता और वकील का सम्मान क्यों किया जा रहा है?

मुंबई लाइव से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि हत्यारों का सम्मान करना महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है। दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश के हत्यारों का सम्मान नहीं होने देंगे। शिवसेना को भी लपेटे में लेते हुए चव्हाण ने आगे कहा कि शिवसेना सांसद का दिमाग सही नहीं है वो ऐसे लोगों को सम्मानित कैसे कर सकते हैं?

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