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समता पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की मुलाकात

उद्धव ठाकरे गुट से 'धधकती मशाल' चुनाव चिह्न वापस लेने में मांगी मदद

समता पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से की मुलाकात
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चुनाव आयोग द्वारा  उद्धव ठाकरे को दिए गए धधकती मशाल चुनाव चिन्हे पर भी विवाद गहराता दिख रहा है।  समता पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर उद्धव ठाकरे गुट से 'धधकती मशाल' चुनाव चिह्न वापस लेने  मे मदद मांगी है।   पार्टी अध्यक्ष उदय मंडल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 21 फरवरी को ठाणे में एकनाथ शिंदे के कार्यालय में मुलाकात की। (Samata Party delegation met Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde to sought help in taking back 'flaming torch' election symbol from Uddhav Thackeray faction )

बिहार से समता पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने ठाणे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को आवंटित उसके 'मशाल' (ज्वलंत मशाल) चुनाव चिन्ह को वापस लेने में उनकी मदद मांगी।

चुनाव आयोग ने दिया फैसला

यह बैठक चुनाव आयोग  द्वारा शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे 'धनुष और तीर' चिन्ह आवंटित करने के कुछ दिनों बाद हुई है। चुनाव आयोग ने यह भी फैसला सुनाया कि उसने पिछले साल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना समूह को जो 'ज्वलंत मशाल' चिन्ह आवंटित किया था,वह 26 फरवरी को पुणे जिले में कस्बा पेठ और चिंचवाड़ विधानसभा उपचुनाव के समापन तक उसके पास रहेगा।

प्रतिनिधिमंडल ने एकनाथ शिंदे को बताया कि समता पार्टी बिहार की पुरानी राजनीतिक पार्टी है और इसका चुनाव चिह्न मशाल है। हालांकि, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद, चुनाव आयोग ने इसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को आवंटित कर दिया था।  

प्रतिनिधिमंडल ने एकनाथ शिंदे से यह भी कहा कि वे चुनाव चिह्न वापस पाने के चुनाव आयोग के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ  शिंदे से समता पार्टी का चुनाव चिन्ह वापस पाने में मदद मांगी, जिस तरह से उनके गुट को 'धनुष और तीर' का चुनाव चिह्न मिला था।

1994 में गठित समता पार्टी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिवंगत नेता जॉर्ज फर्नांडिस द्वारा 1994 में गठित समता पार्टी ने पिछले साल अक्टूबर में उद्धव ठाकरे की पार्टी के चुनाव चिन्ह के आवंटन के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी और इसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।

लेकिन उच्च न्यायालय ने यह दावा करते हुए मामले को खारिज कर दिया था कि उसे पार्टी के चुनाव चिन्ह तय करने का कोई अधिकार नहीं है। समता पार्टी को 2004 में चुनाव आयोग द्वारा मान्यता रद्द कर दी गई थी।

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