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गुरुदास कामत के इस्तीफे का ‘स्मरणपत्र’


गुरुदास कामत के इस्तीफे का ‘स्मरणपत्र’
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और एआईसीसी के महासचिव गुरुदास कामत ने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दिया। कामत ने पिछले दिनों राहुल गांधी से मुलाकात की थी और सक्रिय राजनीति से रिटायर होने की इच्छा जताई थी। वहीं कामत की जगह अब राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को गुजरात का प्रभारी बनाया गया है।

कामत ने बताया कि उन्होंने 3 फरवरी को राहुल गांधी से सभी जिम्मेदारियों से छुट्टी लेने का अनुरोध किया था। कामत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का शुक्रिया भी अदा किया। कामत ने अपने इस्तीफे के 'स्मरणपत्र' में कहा उन्होंने गांधी से तीन फरवरी को अनुरोध किया था कि वह उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें। ठीक उसी दिन बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी, और 21 फरवरी को उन्होंने फिर से इसके लिए अनुरोध किया था।

I welcome the decision of https://twitter.com/INCIndia">@INCIndia to give charge of Gujarat to https://twitter.com/ashokgehlot51">@ashokgehlot51 and 4 Secretaries. https://twitter.com/OfficeOfRG">@OfficeOfRG 1/4

— Gurudas Kamat (@KamatGurudas) https://twitter.com/KamatGurudas/status/857148958405259264">April 26, 2017

उन्होंने अपने इस निर्णय के पीछे का कारण बताए बिना कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे पार्टी की सेवा करने का मौका दिया। गुरुदास कामत ने एक बयान में कहा था कि वह सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कामत ने यह इस्तीफा अशोक गहलोत को गुजरात प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से नाराज होकर दिया है। कांग्रेस ने गुजरात प्रभारी कामत को हटाकर अशोक गहलोत को नई जिम्मेदारी दी है।


— Gurudas Kamat (@KamatGurudas) https://twitter.com/KamatGurudas/status/857149242846130177">April 26, 2017

इससे पहले भी कामत ने जून, 2016 में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने काफी मान मनव्वल के बाद वापसी भी कर ली। उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम के साथ उनकी अनबन को इस्तीफे का कारण माना जा रहा था। इस्तीफे के ‘स्मरणपत्र’ के बाद कामत के मान मनव्वल का कोई प्रयत्न होता दिख नहीं रहा है, जिससे अाने वाले समय में गुरुदास कामत का उल्लेख ‘पूर्व कांग्रेस नेता’ में होता है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।

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