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नानार रिफाइनरी परियोजना पर बीजेपी और शिवसेना एकबार फिर आमने सामने

मुख्यमंत्री ने देसाई के बयान को खारिज कर दिया कि भूमि अधिग्रहण रद्द करने का निर्णय राज्य सरकार के मुख्य सचिव के पास है

नानार रिफाइनरी परियोजना पर बीजेपी और शिवसेना एकबार फिर आमने सामने
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नानार रिफाइनरी परियोजना पर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों एक बार से आमने सामने है। शिवसेना कार्यकरी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को परियोजना को गुजरात में लेने के लिए खुले तौर पर चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी परियोजना को गुजरात में स्थानांतरित करने की धमकी दे रही है और उन्हें ऐसा करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने मुख्यमंत्री से भी सवाल किया की उन्होने इस परियोजना के लिए कोकण का ही चुनाव क्यो किया गया, विदर्भ को क्यों नहीं चुना गया?


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इस बीच, राज्य उद्योग मंत्री और शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने घोषणा की कि प्रस्तावित नानार रिफाइनरी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में रद्द कर दी गई है। हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान को खारिज कर दिया कि देसाई ने अपनी राय व्यक्त की है और यह सरकार का निर्णय नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इसका निर्णय उच्च समिति के पास है जो राज्य के मुख्य सचिव के अधीन आता है, ना की मंत्री के अधीन।

नानार रिफाइनरी परियोजना क्या है?

यह तीन भारतीय तेल कंपनियों - आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल - और तेल जाइंट सऊदी अरामको के बीच संयुक्त उद्यम है। 13 अप्रैल को, अरामको और भारतीय संघ के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। ऐसा माना जाता है कि यह परियोजना 1 लाख करोड़ रुपये तक के निवेश में एक लाख नौकरियां पैदा करेगी।

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