मराठा आरक्षण को लेकर सोमवार को शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने निवास स्थान 'मातोश्री' में अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ शाम 4 बजे एक अहम बैठक की। इस बैठक में मराठा आरक्षण को लेकर उद्धव ठाकरे ने स्पेशल एसेंबली बुलाने की मांग की ताकि आरक्षण पर चर्चा किया जा सके।
'मत करो रिपोर्ट का इंतजार'
उद्धव ठाकरे ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए। एक विशेष अधिवेशन बुलाकर आरक्षण का प्रस्ताव पारित करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सबको एकजुट होकर इस मामले में केन्द्र को अपनी सिफारिश भेजनी चाहिए। साथ ही बाकी समाज के आऱक्षण पर भी सिफारिश भेजना चाहिए।
'जानबूझकर मामला लटकाया गया'
उद्धव ने आरक्षण लागू करने के लिए होने वाली देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाया कि आंदोलन को देखते हुए इस मुद्दे पर तत्काल निर्णय लिया जाना चाहिए था। लेकिन जैसा कि हर बार राजनीति में होता है, जिस भी विषय पर निर्णय नहीं लेना होता है, उसके लिए समिति का गठन किया जाता है और उसे कोर्ट में डाल दिया जाता है। मराठा आरक्षण मामले में भी यही हुआ है।
आरक्षण को लेकर हो रहा हिंसक आंदोलन
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा ने राज्यव्यापी हिंसक आंदोलन किया था। आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आरक्षण को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। इसके लिए सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। हालांकि आरक्षण का मुद्दा बांबे हाईकोर्ट में लंबित है। आरक्षण को लेकर सभी पार्टियों ने समर्थन जताया है।