बीजेपी(BJP) ने 12 विधायकों के निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट(supreme court) का दरवाजा खटखटाया थाम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बीजेपी और उन 12 विधायकों को राहत दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने निलंबन के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत के फैसले से महाविकास अघाड़ी(Mahavikas aghadi) प्रभावित हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के 12 विधायकों का निलंबन रद्द किया विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन विधानसभा अध्यक्ष के कक्षों में अशांति के कारण लगाया गया था। इसके खिलाफ बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंत्री और राकांपा नेता जयंत पाटिल ने प्रतिक्रिया दी है।12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की कॉपी आएगी।उसके बाद, विधानसभा अध्यक्ष इस मामले का अध्ययन करेंगे और उचित निर्णय लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सभी कारणों की जांच की जाएगी। जयंत पाटिल ने यह भी कहा कि निलंबन राजनीति से प्रेरित नहीं बल्कि विधायकों के व्यवहार के बाद किया गया था।
170 तक विधायक महाविकास अघाड़ी सरकार के पक्ष में हैं। इसलिए हमने कभी बारह को निलंबित करके कृत्रिम बहुमत हासिल करने की आवश्यकता महसूस नहीं की। राज्यपाल ने अभी तक राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधायक पर फैसला नहीं लिया है। जयंत पाटिल ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सब कुछ कानून के दायरे में होना चाहिए।
पिछले साल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, 12 भाजपा विधायकों को स्पीकर के कक्षों में राजदंड उठाने, माइक्रोफोन खींचने, धक्का देने, अपमान करने और अनुसूचित जाति के अध्यक्ष भास्कर जाधव को गाली देने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
12 निलंबित विधायक
आशीष शेलार (बांद्रा पश्चिम)
अभिमन्यु पवार (औसा)
गिरीश महाजन (जामनेर)
पराग अलवानी (विले पार्ले)
अतुल भतखलकर (कांदिवली पूर्व)
संजय कुटे (जामोद, जलगाँव)
योगेश सागर (चारकोप)
हरीश पिंपल (मूर्तिजापुर)
जयकुमार रावल (सिंधखेड़)
राम सतपुते (मल्शीरस)
नारायण कुचे (बदनपुर, जालना)
बंटी भंगड़िया
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