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नीतीश की नसीहत, जो लोग बिहार दिवस का विरोध करते हैं अब शांत हो जाएं


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शनिवार को मुंबई पहुंचे नीतीश कुमार ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कई लोगों ने मुंबई में बिहार दिवस मनाने का विरोध किया था, ऐसे लोगों का दिमाग ठंडा हो गया है। नीतीश का यह बयान को इशारों को शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जैसे दलों पर किया हमला माना जा रहा है, जो रोजगार के लिए मुंबई आने वाले बिहार और उत्तर भारतीयों पर अकसर निशाने पर लेते हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार दिवसीय दौरे पर बिहार से बाहर हैं। केरल के बाद शनिवार को वे मुंबई में आयोजित एक रैली में कहा कि बिहार के लोग किसी पर बोझ नहीं बनते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का आदमी कहीं जाता है तो किसी पर बोझ नहीं बनता है, वो लोगों को रोजगार दे रहा है, किसी पर निर्भर नहीं है।

मुंबई के एक फाइव स्टार हॉटेल में मैथली समन्वय समिति ने नीतीश कुमार का अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम में नितीश कुमार कुमार ने अपना वक्तव्य व्यक्त किया। नीतीश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि हम किसी की कॉपी नहीं करते। बिहार में किए कार्य का हमने प्रचार नहीं किया और प्रचार करने की कोई जरूरत भी नहीं, लोगों को बिहार में हुआ विकास दिखता है और लोग खुद बिहार का प्रचार कर रहे हैं।

दरअसल, नीतीश की पार्टी जेडीयू अब महाराष्ट्र की राजनीति में भी अपनी जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है। नीतीश की नजर मुंबई में रहने वाले बिहार और उत्तर भारत के लोगों पर है। उनके इस बयान को उसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। नीतीश ने यहां पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया।

नीतीश के बयान पर मनसे की प्रतिक्रिया

नीतीश के बयान के बाद मनसे के नेता बाला नांदगावकर ने उस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के लोग विकास कर रहे हैं, यह अच्छी बात है, नीतीश कुमार को चाहिए कि वे बिहार का भी इतना विकास करें कि बिहार के लोग मुंबई से बिहार वापस लौट जाएं। 


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