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उद्धव ठाकरे के बारे में ये बात नहीं जानते होंगे आप!

उद्धव ठाकरे एक बार हेलिकॉप्टर से गिरते गिरते बचे थे

उद्धव ठाकरे के बारे में ये बात नहीं जानते होंगे आप!
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महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जितना राजनिती में दिलचस्पी रखते है उतना ही वह अपने शौक में भी दिलचस्पी रखते है।  उद्धव ठाकरे को शुरु से ही फोटोग्राफी का शौक है , कई बार उन्हे खाली समय में फोटोग्राफी करते हुए भी देखा गया है। इसके साथ ही ऐसी कई बातें है जो उद्धव ठाकरे के बारे में बहुत ही कम लोग जानते है। तो आईये जानते है कुछ ऐसी ही बातों को 

ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति- उद्धव ठाकरे , ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति होंगे जो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगें। इसके पहले उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के ऐसे सदस्य थे जो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे और विधायक बने है।  हालांकी देवेंद्र फड़णवीस के पहेल शिवसेना और बीजेपी सरकार का जो भी मुख्यमंत्री बनता था तो उस समय रिमोट कंट्रोल शिवसेना के पास ही होता था।  


उद्धव ठाकरे को फोटोग्राफी का बड़ा शौक- उद्धव ठाकरे को फोटोग्राफी का बड़ा शौक है।  कई बार उन्हे खाली समय में  फोटोग्राफी करते हुए देखा गया है।  उन्हे एरियल फोटोग्राफी का बड़ा शौक है , कई बार उन्होने हेलिकॉप्टर की सहायता से फोटोग्राफी भी की है।  उद्धव ठाकरे एक बार हेलिकॉप्टर से गिरते गिरते बचे थे।

28 किलो की फोटोग्राफी- 2004 में उद्धव ठाकरे ने  10 दिन में 40 घंटों की उड़ान भरकर महाराष्ट्र के 28 किलो की फोटोग्राफी की। इन  किलो की उन्होने 4500 से भी ज्यादा तस्वीरें खिंची।महाराष्‍ट्र के विभिन्‍न किलों के एरियल व्‍यू के फोटो की  प्रदर्शनी जहांगीर आर्ट गैलरी में 2004 में लग चुकी है।  

डिग्री स्लिसियल में भी फोटोग्राफी - उद्धव ठाकरे को फोटोग्राफी का इतना शौक है की उन्होने 0डिग्री में भी फोटोग्राफी की है।  साल 2008 में कनाडा के हटसनवे में पोलर बेयर की तस्वीर खिंचने उतरे, तापमान था 0 डिग्री स्लिसियल था ।  इसके अलावा उनकी दो फोटो-बुक्‍स भी प्रकाशित हो चुकी हैं। पहली का नाम महाराष्‍ट्र देश (2010) है, दूसरी का नाम पाहवा विठ्ल (2011) में।

1991  में शिवसेना के मंचो पर नजर आए- उद्धव ठाकरे वैसे तो काफी पहले से शिवसेना के लिे काम करना शुरु कर दिया था लेकिन साल 1991 में वह पहली बार शिवसेना के मंचो पर साव्रजनिक तौर पर दिखने लगे। 1991 के बाद वह पार्टी की गतिविधियों में भी काफी सक्रियता से हिस्सा लेनें लगे।  

2002 में बीएमसी चुनाव का पूरा काम उद्धव ठाकरे ने देखा- दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने साल 2002 में बीएमसी चुनाव के लिए पूरी जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी।  इस चुनाव में शिवसेना को जीत भी मिली , जिकसे बाद शिवसेना में उद्धव ठाकरे की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई। साल 2003 में बालासाहेब ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया।  

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