कोल्हापूर के हेरवाड ग्राम (Herwad Grampanchayat kolhapur ended widow system) पंचायत ने सैकड़ो सालों से चली आ रही विधवा प्रथा को खत्म करने का एक साहसिक कदम उठाया है। पति के निधन के बाद पत्नी का कुमकुम पोंछना, गले से मंगलसूत्र हटाना , हाथों के कंगन तोड़ना, पैरों के पायल हटाना जैसी कुप्रथा समाज में देखी जा रही हैं। इन महिलाओं को उसके बाद समाज में किसी भी धार्मिक या सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं होती है। इन कुरीतियों का पालन व्यक्तियों के मानवीय और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
इन महिलाओं को भी अन्य महिलाओं की तरह सम्मान के साथ जीने का पूरा अधिकार है। इसलिए, यह विधवापन की प्रथा को समाप्त करने और महिलाओं को समानता और सम्मान के जीवन की ओर ले जाने की दिशा में एक बहुत ही क्रांतिकारी और प्रगतिशील कदम है।कई सालो से चली आ रही है। हेरवाड ग्राम पंचायत ने इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाई और विधवा प्रथा को खत्म करने का फैसला किया।
अन्य ग्राम पंचायतो को भी ऐसा करने के लिए सरकार कर रही है प्रोत्साहित
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों को इस तरफ के फैसले लेने के लिए उत्साहित करने का काम कर रही है। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों इस तरह प्रस्ताव को लाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। इससे राज्य में महिलाओं के लिए इस अवांछनीय और दमनकारी बंधन से मुक्त होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
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