रावण दहन के दिन अमृतसर में घटी ट्रेन दुर्घटना में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे ने देश भर को झकझोर कर रख दिया। लेकिन मुंबई में रोज होते ट्रेन हादसे का जो आंकड़ा सामने आया है वह तो और भी दिल दहलाने वाला है। आरटीआई से जानकारी के मुताबिक पिछले 5 सालों में यानी साल 2013 से अब तक मुंबई की लोकल ट्रेन से कुल 18423 लोगों की मौत हुई है, जबकि 18874 जख्मी हुए हैं। इन आकड़ों को देख कर तो यही लगता है कि मुंबई की लाइफ लाइन पूरी तरह से डेथ लाइन बन चुकी है।
मौत की लाइन
आरटीआई एक्टिविस्ट शकील अहमद ने आरटीआई के जरिये रेलवे से जानकारी मांगी थी कि पिछले 5 सालों में लोकल ट्रेन से कितने लोग घायल हुए हैं और कितने लोगों की मौत हुई है। रेलवे ने जो आंकड़ा पेश किया उसे पढ़ कर कलेजा मुंह को आ गया। साल 2013 से लेकर साल 2018 तक कुल 37270 लोग ट्रेन की चपेट में आए जिनमें से 18423 लोगों ने अपनी जान गवांई जबकि 18874 लोग जख्मी हो गए।
आंकड़ें इस प्रकार हैं-
साल | घायलों की संख्या | मौत |
2013 | 3318 | 3506 |
2014 | 3423 | 3299 |
2015 | 3304 | 3349 |
2016 | 3202 | 3363 |
2017 | 3014 | 3345 |
2018 | 1974(8 महीने में) | 2173(8 महीने में) |
यह आंकडें वाकई में दुःख देने वाले हैं। ट्रेन से गिर कर या फिर ट्रैक पार करते समय हर महीने 250 लोगों की मौत हो जाती है, बावजूद इसके रेलवे की तरफ से सूरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये जाते हैं। इन हादसों को देखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे को ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाने का आदेश दिया था, लेकिन उस पर भी रेलवे ने कोई काम नहीं किया।
रेलवे के इन कारनामों से शकील अहमद बेहद ही नाराज होते हैं, वे कहते हैं कि आखिर अभी तक रेलवे ट्रैक के दोनों पर दीवार क्यों नहीं बनाई गयी, वे अपनी मांग रेलवे के आला अधिकारियों और रेलवे मंत्री से करते हैं कि मुंबईकरों की जान से रेलवे न खेले, जल्द से जल्द इन हादसों को रोकने के लिए रेलवे को उपाय करना चाहिए।