ऑटो उद्योग में मंदी के बीच 2019
में महाराष्ट्र में नए वाहनों का पंजीकरण 15
प्रतिशत तक गिर गया। गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कम होने के कारण राज्य के परिवहन विभाग की कमाई पर भी इसका असर पड़ा है। महाराष्ट्र देश के सबसे बड़े ऑटो बाजारों में से एक है और राज्य सड़क परिवहन विभाग ने
FY2015
के बाद से हर साल अपने राजस्व लक्ष्य को पार कर किया है।
5,466
करोड़ रुपये एकत्र करने में सफल हालांकि,
वित्त वर्ष 2019-20
के लिए कम लक्ष्य निर्धारित करने के बावजूद विभाग इस वर्ष लक्ष्य से चूक गया है। रिपोर्टों के अनुसार,
राज्य परिवहन विभाग ने 2018-19
में
8,672
करोड़ रुपये के मुकाबले वाहन पंजीकरण से करों और अन्य शुल्क में
8,249
करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन नवंबर 2019
तक,
यह केवल 5,466
करोड़ रुपये एकत्र करने में सफल रहा है।
विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्व में गिरावट मुख्य रूप से नए वाहन पंजीकरण में गिरावट के कारण है,
जो कि 2018
में कैलेंडर वर्ष में 27.14
लाख था जबकी साल 2019
में
23.10
लाख नई गाड़ियों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ। यह गिरावट 15
प्रतिशत की है। अप्रैल-नवंबर की अवधि में राज्य में लगभग दो लाख कम वाहन पंजीकृत किए गए थे। यह विभाग के राजस्व संग्रह को प्रभावित करेगा
नए दोपहिया वाहनों के पंजीकरण में मुख्य अंतर देखा गया (जो
2018
में 16.92 लाख से 2019
में
19.69
लाख तक गिर गया),
चार पहिया वाहन 2019
में
3.97 लाख से कम 2018
में
3.67 लाख रह गई। 2018
में
1.72
लाख तीन पहियों का रजिसट्रेशन हुआ तो वही साल 2019
में 95,808
तीन पहियों का रजिसट्रेशन हुआ।