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मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी तो मोनो में पहले से भी हुई कम

लॉकडाउन से पहले, लगभग 1350 यात्री मेट्रो ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। लेकिन कोरोना के मद्देनजर, बैठक व्यवस्था में कई बदलाव किए गए। जिसके बाद अब एक बार में केवल 360 यात्री ही यात्रा कर सकते हैं।

मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी तो मोनो में पहले से भी हुई कम
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कोरोना (Coronavirus) के कारण घोषित किए गए लॉकडाउन (lockdown) के कारण, पिछले 7 महीनों से बंद घाटकोपर से वर्सोवा (ghatkopar to versova) तक चलने वाली मेट्रो 1 (metro 1) सेवा को फिर से शुरू किया गया है। शुरुआत में मेट्रो (metro) में यात्रियों की संख्या में काफी कम थी, लेकिन अब धीरे धीरे इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। एक सप्ताह के भीतर, यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई है।

मेट्रो सेवा दुबारा सोमवार 19 अक्टूबर को फिर से शुरू हुई। पहले दिन जब सेवा शुरू हुई, तो लगभग 13,000 यात्रियों ने इसका लाभ उठाया। पिछले सप्ताह के यात्रियों की संख्या 24000 तक पहुंच गई थी, तो वहीं सोमवार को यह 26,000  तक जा पहुंची।

लॉकडाउन से पहले, लगभग 1350 यात्री मेट्रो ट्रेन में यात्रा कर रहे थे।  लेकिन कोरोना के मद्देनजर, बैठक व्यवस्था में कई बदलाव किए गए।  जिसके बाद अब एक बार में केवल 360 यात्री ही यात्रा कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि मेट्रो 1 जिस रुट पर चलती है उस रुट पर बड़ी संख्या में लोगों के ऑफिस और कारखाने हैं, इसलिए इस रूट पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

मेट्रो द्वारा लगाए गए नए नियमों के अनुसार, प्रति दिन 72,000 यात्री इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन अभी यात्रियों की संख्या इस आंकड़े तक नहीं पहुंचे हैं। क्योंकि वर्तमान में रेलवे की लोकल सेवा (local rail service) पर कई प्रतिबंधों के कारण, हर कोई इसका लाभ नहीं उठा पा रहा है। नतीजतन, कल्याण, डोंबिवली और ठाणे में रहने वाले कई यात्रियों का कहना है कि, उन्हें सड़क मार्ग से घाटकोपर तक आने में ट्रैफिक के कारण काफी समय लग जाता है। इसलिए अभी लोग मेट्रो तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

इसके अलावा चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक तक मोनो सेवा भी पिछले रविवार से शुरू की गई थी। इस मोनो सेवा (mono rail service) को भी अभी तक यात्रियों द्वारा अच्छा प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है। इस सेवा के लिए यात्री की प्रतिक्रिया अभी भी नगण्य है। सेवा को शुरू हुए भले ही हफ्ता भर बीत गया हो, लेकिन हर दिन केवल 550 यात्री ही मोनो का उपयोग कर रहे हैं। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि, वर्तमान में इस मार्ग पर केवल दो मोनो ट्रेनें ही चल रही हैं, इसलिए दोनों ट्रेनों में लगने वाली फेरियों का अंतर लगभग 30 मिनट है।

इस मार्ग का किसी भी बड़े रेलवे स्टेशन से कोई संबंध नहीं है। साथ ही इस मार्ग पर वाणिज्यिक केंद्रों की कमी है, इसलिए इस मोनो पर यात्रियों की संख्या अभी भी बहुत कम है। और मोनो परिचालन की लागत को केवल तभी कवर किया जा सकता है जब प्रति दिन 3,000 यात्री इससे यात्रा करें। इस बारे में MMRD ने कहा कि, मोनो सेवा के लॉन्च के बाद से अभी तक वर्तमान में मिल रही यात्रियों का प्रतिसाद बहुत कम है।

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