एसटी निगम(ST BUS) का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। ये कर्मचारी पिछले कई दिनों से हड़ताल का आह्वान कर रहे हैं। ऐसे में अब ये एसटी कर्मचारी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor bhagat singh koshyar) के पास पहुंचे हैं। राज्यपाल को विलय सहित मांगों का बयान भेजकर कर्मचारियों की शिकायतें सुनने को कहा गया है।
इन मुद्दों को लेकर राज्यपाल से भी बैठक की मांग की गई है। विलय की मांग को लेकर एसटी कार्यकर्ता 28 अक्टूबर से हड़ताल पर चले गए थे। कर्मचारियों के काम पर नहीं लौटने पर एसटी निगम ने निलंबन, बर्खास्तगी और सेवा समाप्ति की कार्रवाई भी की। हालांकि, चूंकि कर्मचारी सेवा में नहीं आ रहे थे और एसटी सुचारू रूप से नहीं चल रहा था, इसलिए निगम ने निजी ड्राइवरों के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों की भर्ती करने का निर्णय लिया। यांत्रिक कर्मचारियों, वाहन परीक्षकों, चालकों और वाहकों को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, चूंकि इन सभी घटनाक्रमों में कर्मचारियों के विलय का मुद्दा हल नहीं हुआ है, इसलिए संबंधित एसटी कर्मचारियों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मांगों का एक बयान भेजा है।
महाराष्ट्र राज्य 'एसटी फाइट मर्जर' के सदस्य सतीश मेटकारी ने राज्यपाल से एक बैठक समेत तीन बड़ी मांगें रखी हैं। कर्मचारियों की शिकायतें सुनें, इस आशय का पत्र देते हुए एसटी कर्मचारी घोषित करें कि वह राज्य सरकार का कर्मचारी है, निलंबन, कार्रवाई वापस ली जाए, समझा जाता है कि 3 महीने के वेतन की मांग की गई है बयान के माध्यम से किया गया।
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