राज्य में इस साल अब तक रेबीज के 36,431 मामले सामने आ चुके है। हालांकी राज्य में रेबीज के टीको की कोई कमी नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। रेबीज संक्रमण सामान्यत: कुत्ते के काटने से होता है।
राज्य के शहरी विकास मंत्री योगेश सागर ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि जनवरी में रेबीज के 7,378 मामले, फरवरी में 4,664 मामले, मार्च में 8,036 मामले, अप्रैल में 10,640 मामले और मई में 5,713 मामले सामने आए हैं।
योगेश सागर ने स्वीकार किया कि 10 जनवरी से 20 जनवरी आपूर्ति में थोड़ी सी कमी आई थी, लेकिन इसका कारण गुणवत्ता था। लेकिन अभी इस टीके की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को आपूर्ति में देरी के लिए दंडित किया गया है।
रेबीज के आम लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं
बुखार
सिरदर्द
घबराहट या बेचैनी
चिंता और व्याकुलता
भ्रम की स्थिति
खाना-पीना निगलने में कठिनाई
बहुत अधिक लार निकलना
पानी से डर लगना (हाईड्रोफोबिया)
पागलपन के लक्षण
अनिद्रा
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