विश्व की सबसे वजनी महिला इमान अहमद अपना आधे से ज्यादा वजन कम करके आगे के इलाज के लिए अबु धाबी पहुंच चुकी हैं। इमान का वजन सिर्फ तीन महीने में ही 330 किलो तक घट गया। वजन घटाने का यह कारनामा मुंबई के सैफी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की वजह से संभव हो पाया है। अब इसी हॉस्पिटल में तीन ऐसे बच्चों का इलाज होगा जो अपने मोटापे से परेशान हैं।
सैफी हॉस्पिटल स्टाफ जिस वक्त इमान की विदाई की तैयारी कर ही रहा था, ठीक उसी वक्त मोटापे से परेशान गुजरात के तीन बच्चे योगिता, अनिशा और हर्ष को यहां एडमिट करवाया गया। गुजरात के ऊना जिले के वजदी गाँव से आए हुए इन परिवार वालों के बच्चों का वजन काफी ज्यादा है। 7 साल की योगिता का 45 किलो, पांच साल की अनिशा का 60 किलो और सिर्फ 3 साल के हर्ष का वजन 25 किलो है।
इन बच्चों के पिता रमेश भाई नंदवाने एक किसान हैं और कुछ दिनों पहले इन्होंने बच्चों के इलाज के लिए अपनी किडनी बेचने की बात कही थी।
योगिता और अनीषा एक बार में 18 रोटी, डेढ़ किलो चावल, दो कटोरे सब्जी, बिस्कुट के पांच पैकेट, 12 केले और एक लीटर दूध डेली खाते हैं। जब बच्चों को अधिक भूख लगती है, तो कई बार उनकी मां प्रागना बेन का पूरा-पूरा दिन खाना बनाने में ही बीत जाता है - रमेश भाई, पिता
मेरे दिन की शुरूआत दिन में 30 रोटी और एक किलो सब्जी बनाने से होती है। बच्चों की भूख कभी खत्म ही नहीं होती है। वे हर समय खाना मांगते रहते हैं और खाना नहीं मिलने पर रोते हैं। मैं हमेशा किचन में खाना ही बनाती रहती हूं - प्रागना बेन, मां
इन बच्चों के चाचा ने कहा कि इमान के बारे में पढ़ने के बाद उन्होंने बच्चों के इलाज के लिए सैफी हॉस्पिटल के बैरियाट्रिक सर्जन डॉ.लकड़ावाला से संपर्क किया था। जिसके बाद हम सुबह तकरीबन 10.30 बजे यहां पहुंचे। पूरा परिवार इन बच्चों के बढ़ते वजन के कारण परेशानियों का सामना कर रहा है।
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