Advertisement

चुटकी: सेल्फी के लिए सीएम की पत्नी ने कोई गलत काम नहीं किया


चुटकी: सेल्फी के लिए सीएम की पत्नी ने कोई गलत काम नहीं किया
SHARES

सुना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने सेल्फी के लिए अपनी जान को खतरे में डाल दिया था। दरअसल मुंबई पोर्ट पर नए डमेस्टिक क्रूज टर्मिनल और मुंबई से गोवा चलने वाली पहली लक्जीरियस क्रूज 'आंग्रीया' का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को किया था। इस मौके पर उनकी पत्नी अमृता भी उपस्थित थीं साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी थे।

शुभारंभ समारोह के बाद अमृता फडणवीस में कुछ ऐसी हरकत कर दी कि उनके वहां मौजूद सुरक्षा अफसरों के हाथ पांव फूल गए। दरअसल अमृता का एक वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो में देखा जा सकता है कि आंग्रीया पर पुलिस, मीडिया सहित अन्य लोगों की भी काफी भीड़ है। इसी दौरान अमृता फडणवीस क्रूज के एकदम छोर पर बैठ गईं। जहां से वे नीचे पानी में भी गिर सकती थीं और कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी, और यह सब अमृता ने मात्र एक सेल्‍फी के लिए किया।

अब बताइये, इसे आप क्या कहेंगे, आप कुछ भी कहो लेकिन मेरा मानना है कि एक खूबसूरत महिला होने के नाते इतना अधिकार तो अमृता फडणवीस का है ही, आखिर क्यों न हो, महिलाओं का सेल्फी पर जन्मसिद्ध अधिकार है। अफ़सोस तो मुझे इस बात का है कि उन महिलाओं का क्या होगा जिनके समय पर मोबाइल नहीं था। वो महिलाएं अब बुढ़ापे में अपनी उंगलियां चटका रही होंगी।

ऊपर वाले ने जिन महिलाओं को अच्छी शक्ल सूरत दी है, उनका सेल्फी लेना जन्म से ही अधिकार हो जाता है। इसके लिए भले ही कुछ खतरा भी उठा लिया जाए तो भी सभी को उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। खूबसूरत स्थान भी धन्य हो जाते होंगे जब कोई खूबसूरत महिला वहां पर सेल्फी लेती होगी। मेरा मानना है कि जब तक कोई सुंदर महिला समुद्र किनारों पर, हरी भरी वादियों पर, पहाड़ों पर या कोई अच्छी जगहों पर सेल्फी ने लेले तब तक इन स्थानों का कोई महत्व नहीं है। सेल्फी लेने के बाद ही इन स्थानों की शोभा बढ़ जाती है या फिर ये स्थान खुद पर गर्व करने लगते हैं।

अब यह सेल्फी लेकर अमृता को लोग भले ही ट्रोल कर रहे हो, उनकी बला से, करते रहे, उनके लिए अब क्या अमृता सेल्फी लेना छोड़ दें। ट्रोलर्स को कुछ काम धाम तो है नहीं, खाली दिमाग शैतान का घर होता है। अगर कहीं भी सुंदर स्थान दिखता है तो मन में सेल्फी का ख्याल तो आएगा ही, और इसी बहाने सुंदरता का मिलन भी जाता है।

सेल्फी के लिए महिलाओं का तो ऐसे ही बदनाम किया जाता है, बल्कि सेल्फी के लिए पुरुष भी महिलाओं को टक्कर देते नजर आते हैं। भाई सोशल मीडिया का जमाना है, हर कोई अच्छा और खूबसूरत नजर आना चाहता है, स्त्री हो या पुरुष हर किसी को अच्छा लगता है कि कोई उनकी खूबसूरती का बखान करे। सेल्फी में लिंग विभेद न किया जाए, ये तो हर इंसान का स्वाभाव है कहीं भी नई जगह देखी, या कुछ यूनिक दिखा उसके साथ सेल्फी ले ली. अब इस पुरुष समाज में स्त्रियों को तो नाहक ही बदनाम किया जाता है। 

मेरा तो यह भी कहना है कि चुनाव के समय नेताओं को अपने एजेंडे में यह भी शामिल करना चाहिए कि वे महिलाओं के लिए प्रतिबंधित जगहों पर सेल्फी मुहैया कराएंगे तो फिर देखिये उसकी जीत कैसे पक्की हो जाती है, बात अगर और आगे बढ़े तो संविधान में भी बदलाव की मांग करनी चाहिए और महिलाओं के इस सेल्फी अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें