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एक दिन में मारे 1200 चूहे, बीएमसी ने किया दावा


एक दिन में मारे 1200 चूहे, बीएमसी ने किया दावा
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मुंबई में लेप्टोस्पायरेसिस से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी चूहों के कारण फैलती है। इसे रोकने के लिए बीएमसी ने चूहों की संख्या को कंट्रोल करने का निर्णय लिया और चूहों की मारने की मुहीम शुरू की। बीएमसी के मुताबिक जनवरी से लेकर अब तक यानि 7 महीने में 2 लाख 11 हजार 705 चूहों की जिंदा या मृत पकड़ा गया। आंकड़ों के मुताबिक हर दिन 1200 तो महीने में 3.60 लाख चूहों को मारने का दावा बीएमसी कर रही है।


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इस तरह मारा जाता है चूहों को 
कीटनाशक विभाग के प्रमुख राजन नारिंग्रेकर ने बताया कि बीएमसी की तरफ से चूहों को मारने या पकड़ने के चार तरीके अपनाए जाते हैं। पहला तरीका चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाना, दूसरा तरीका चूहों के बिलों के सामने जहरीली गोलियां रखना, तीसरा तरीका बिलों पर जहरीली गोलियों का छिड़काव करना और चौथा तरीका रात के समय चूहों को ढूंढ कर उन्हें डंडे से मारना।


सर्वाधिक चूहे मरने वाले विभाग- 

एम/पूर्व (गोवंडी, देवनार, शिवाजीनगर परिसर) : 32  हजार 935

ई विभाग (भायखला, नागपाडा) : 23 हजार 762

एन विभाग ( घाटकोपर) : 23  हजार 685

ए विभाग (फोर्ट, नरिमन पॉईंट) : 23 हजार 252

डी विभाग ( ग्रँट रोड, मुंबई सेंट्रल) : 18  हजार 463

 
फैलाते हैं जानलेवा बीमारी 
गौरतलब है कि चूहों के कारण ही बारिश के मौसम में लेप्टोस्पायरोसिस और प्लेग जैसी घातक बीमारी फैलती है। चूहों के द्वारा फैलाया गया मल-मूत्र और खाद्य पदार्थ बारिश में मिल कर सड़को पर आ जाते हैं जिससे कीटाणु लोगों के पैर संपर्क में आकर या पैर में लगे चोट के कारण लोगों के शरीर में घुस जाते हैं और लोग बीमार पड़ जाते हैं। अगर समय पर इलाज नहीं करवाया गया तो यह बीमारी जानलेवा साबित होती है।


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