धार्मिक भावनाएं भड़काने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के खिलाफ ईडी ने विशेष पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट के अनुसार, अलग अलग अपराधों से संबंधित 193 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई है और ईडी ने पहले ही लगभग 50 करोड़ रुपये की पहचान की है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विवादित धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ 2017 में शिकायत दर्ज की थी। इन अपराधों के आधार पर, ईडी ने जाकिर के संगठन की जांच की और मनी लॉड्रींग का आरोप भी पाया। उस समय उसके पास बेहिसाब धनराशि पाई गई थी। इसके आधार पर, 22 दिसंबर, 2016 को ईडी ने नाइक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, और नाइक और उनके सहयोगियों पर काला धन सफेद करने की भी जांच की थी। ईडी ने मुंबई और पुणे में छह अलग-अलग संपत्तियों की पहचान की थी।
जांच में पाया गया की नाइक द्वारा किए गए सबसे विवादास्पद बयान 2007 से 2011 तक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित 10 दिवसीय शांति परिषद में दिये गए थे। ईडी ने आरोपपत्र जाखिल कर कहा है की कई युवाओं को आपराधिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया था। यह इस मामले में दूसरी चार्जशीट है। हालांकि, यह नाइक के खिलाफ ईडी द्वारा दायर पहली चार्जशीट है।
नाइक की पता चली अभी तक की संपत्तीट
1) इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के नाम पर म्युचुअल फंडों की कीमत 9 करोड़ 41 लाख
2) हारमनी इंडिया के नाम पर मझगांव डॉकयार्ड में स्टूडियो
3) इस्लामिक एजुकेशन ट्रस्ट का स्कूल इमारत
4) ज़ाकिर नाइक के स्वामित्व वाले मझगाँव के दो फ्लैट
5) मजगांव मारिया हाईट्स में फ्लैट
6) मझगांव में क्रीस्टल रेसिडेन्सी में फ्लैट्स
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